सार
Afghanistan में तालिबान के कब्जे के बाद दुनियाभर में राजनीति हलचलें बढ़ी हैं। हालांकि भारत के मामले में Taliban ने स्पष्ट किया है कि वो भारत से अच्छे रिश्ते चाहेगा। इस बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान के एयर ट्रैफिक को अपने कंट्रोल में लेने की बात की है।
काबुल. अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद Taliban ने भारत से अपने रिश्तों पर बयान दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा है वो भारत से रिश्ते अच्छे और मजबूत चाहता है। अफगानिस्तान में तमाम राजनयिक सुरक्षित हैं। किसी को भी देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं। तालिबान ने यह भी स्पष्ट कहा कि वो भारत-पाकिस्तान विवाद में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। रविवार को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान के नेता मुल्ला बरादर खुद हैरान हैं कि उन्होंने इतनी जल्दी कब्जा कैसे कर लिया? बता दें कि रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग गए। तालिबान ने राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर भी कब्जा कर लिया है। फोटो साभार-FOX न्यूज
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अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने मुल्ला शीरीन को काबुल का गवर्नर बनाया है। वहीं, भारत में अफगानी दूतावास का ट्विटर हैंडल हैक होने की खबर है। भारत अपने नागरिकों को वहां से एयरलिफ्ट कर रहा है. भारत वहां से अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है।
भारतीय नेताओं ने बताया खराब संकेत
बीजेपी नेता सीटी रवि ने अफगानिस्तान में तालिबान के इस तरह सत्ता हथियाने को मुगल शासक टीपू सुल्तान से तुलना की है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही मुगल शासन में हिंदुओं के साथ हुआ था। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान का तालिबान के कब्जे में होना अच्छे संकेत नहीं है। इससे पाकिस्तान और चीन के संबंध को भारत के खिलाफ मजबूत होंगे।
अहमद अली जलाली तालिबान को नामंजूर
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के ताजिकिस्तान भागने के बाद खबरें आई थीं कि तालिबानी नेता अहमद अली जलानी को अंतरिम सरकार का चीफ बनाया जा सकता है। इस पर सहमति बन गई है, लेकिन आजतक मीडिया हाउस से बातचीत में तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने दो टूक कहा कि जलाली को लेकर तालिबान सहमत नहीं है। साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाएं पढ़-लिख सकेंगी। हालांकि उन्हें इस्लाम के शरिया कानून का सख्ती से पालन करना होगा।
अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित निकालने 6000 सैनिक और बढ़ेंगे
अमेरिकी राज्य विभाग और रक्षा विभाग ने एक संयुक्त में बयान कहा कि वर्तमान में हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (अफगानिस्तान) को अपने हाथों में लेने कई कदम उठा रहे हैं ताकि असैनिक और सैन्य उड़ानों के माध्यम से अफगानिस्तान से अमेरिकी के कर्मचारियों और लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। बयान में कहा गया कि अमेरिका के विशेष अप्रवासी वीजा(special immigrant visa) के लिए पात्र हजारों अफगानों को निकालने में तेजी लाई जाएगी। इसमें से लगभग 2,000 पिछले 2 सप्ताह में पहले ही अमेरिका आ चुके हैं। अमेरिका अफगानिस्तान की हवाई यातायात (air traffic) को कंट्रोल में लेगी। इसके लिए वहां 6000 अमेरिकी सैनिक बढ़ा रहे हैं।
भ्रष्टाचार से परेशान हैं लोग
राजधानी काबुल में लगभग 500,000 वेंडर हैं। pajhwok.com की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और काबुल नगर पालिका प्रतिदिन उनसे 2 करोड़ (अफगानी रुपए) अवैध वसूली करती है। बेरोजगारी के साथ-साथ यह संख्या बढ़ती जा रही है।
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