सार
यह 'आपदा में फायदा' का मामला है। ब्राजील में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन की खरीदी में हुए भ्रष्टाचार के आरोप उठने के बाद अनुबंध निरस्त कर दिया गया है। यही नहीं, इस मामले में राष्ट्रपति के खिलाफ भी जांच बैठा दी गई है। दुनिया में अपने तरह का यह पहला मामला है।
नई दिल्ली. कोरोना संकट से उबरने सारी दुनिया एकजुट होकर काम करने पर जोर दे रही है, वहीं कुछ लोग इसमें भी फायदा देख रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ब्राजील में सामने आया है। यहां भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन की खरीदी में अनियमितताएं मिलने के बाद सौदा निरस्त कर दिया गया है। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री ने खरीदी प्रक्रिया रद्द करने की घोषणा की।
राष्ट्रपति के खिलाफ बैठाई जांच
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने भारत के साथ कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन की खरीदी के लिए 324 मिलियन डॉलर के अनुबंध का ऐलान किया था। लेकिन अब इसमें भ्रष्टाचार की जानकारी सामने आने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया है। इस मामले में राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की संदिग्ध भूमिका देखते हुए जांच बैठाई गई है। ब्राजील कोवैक्सिन की 20 मिलियन खुराक खरीदने जा रहा था। इसके लिए फरवरी में ही यह सौदा तय किया गया था।
स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा
स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है। मामले की सच्चाई जांचने के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी। राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले में भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बावजूद आंखें मूंदे रखीं। आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी पर कोवैक्सिन खरीदने के लिए दबाव बनाया गया था।
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