सार

यमन में हूती विद्रोहियों का आतंक है, जिनके कारण वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार सत्ता में नहीं है। हूतियों ने देश के कई इलाकों पर कब्जा किया हुआ है। यही वजह है कि यहां दूसरे कई आतंकी संगठन भी अपने पैर पसार चुके हैं। 

अबयान। दक्षिण यमन (South Yemen) में अलकायदा (Al-Qaeda) के संदिग्ध आतंकवादियों ने यूएन को चुनौती दे डाली है। अलकायदा ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के पांच कर्मचारियों को किडनैप कर लिया है। किडनैप हुए कर्मचारियों में चार यमन के रहने वाले हैं व एक विदेशी नागरिक है। यूएन ने इनकी सुरक्षा और रिहाई की कोशिशें तेज कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार देर रात दक्षिणी प्रांत अबयान में कर्मचारियों का अपहरण कर लिया गया। किडनैप कर किसी अज्ञात जगह पर इनको लेकर गए हैं। 

अपहरणकर्ता थे हथियारों से लैस

यमन सरकार (Yemen Government) ने यूएन कर्मचारियों के अपहरण की पुष्टि की है। सरकार ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और रक्षा विभाग (United Nations Security and defence department) के कर्मियों का अज्ञात हथियारबंद लोगों ने अपहरण कर लिया। यमन में हूती विद्रोहियों का आतंक है, जिनके कारण वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार सत्ता में नहीं है। हूतियों ने देश के कई इलाकों पर कब्जा किया हुआ है। यही वजह है कि यहां दूसरे कई आतंकी संगठन भी अपने पैर पसार चुके हैं। ये लोगों के अपहरण कर रहे हैं और लगातार आतंक फैला रहे हैं।

यूएन ने तेज की रिहाई की कोशिशें

संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि पूरे प्रकरण से हम सब अवगत हैं लेकिन इस मसले पर टिप्पणी कुछ खास वजहों से नहीं किया जा रहा है। यूएन प्रवक्ता ने इस मामले में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, देश के कबाइली नेताओं ने कहा कि वे अपहर्ताओं के साथ कर्मचारियों की रिहाई के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपहर्ताओं ने फिरौती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार द्वारा कैद किए गए कुछ आतंकवादियों की रिहाई की मांग की है।

2015 से हूतियों से लड़ रहा सऊदी अरब

यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन साल 2015 से ही ईरान समर्थिक हूति विद्रोहियों के साथ जंग लड़ रहा है। इस गठबंधन ने यमन में चल रहे युद्ध में 2015 में हस्तक्षेप किय था। तब हूतियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर सरकार को सत्ता से हटा दिया था। इस जंग में हजारों लोगों की मौत हुई है और लाखों की संख्या में लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है। यमन में इसकी वजह से एक बड़ी मानवीय आपदा खड़ी हो गई है। लोगों के पास ना खाने को पैसे हैं और ना ही रोजगार है। उन्हें दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ रही है।

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