सार

अरब सागर में जहाजों की सुरक्षा के लिए इंडियन नेवी ने पांच गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर तैनात किए हैं। इसके साथ ही पी8आई विमान और प्रीडेटर ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।

नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच लड़ाई (Israel Hamas War) चल रही है। इस बीच ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले किए जा रहे हैं। भारतीय तट के पास भी पिछले दिनों एक जहाज पर हमला किया गया। अरब सागर में बढ़ रहे खतरे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपने पांच युद्धपोत को तैनात किया है। इसके साथ ही आकाश से भी निगरानी की जा रही है।

अरब सागर में भारत के जहाजों की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने पांच एडवांस गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर तैनात किए हैं। इनका काम लाल सागर और अरब सागर से गुजरने वाले भारतीय जहाजों की रक्षा करना है। आईएनएस कोलकाता को बाब अल-मंडेब चोकपॉइंट के पास, आईएनएस कोच्चि को यमन के सोकोट्रा द्वीप के दक्षिण में, आईएनएस मोरमुगाओ को पश्चिमी अरब सागर में और आईएनएस चेन्नई को मध्य अरब सागर में तैनात किया गया है। आईएनएस विशाखापत्तनम उत्तरी अरब सागर में गश्त कर रहा है।

भारतीय तट के पास केमिकल टैंकर एमवी केम प्लूटो पर हुआ था हमला

यह तैनाती पिछले दिनों भारतीय तट से 370 किलोमीटर दूर केमिकल टैंकर एमवी केम प्लूटो पर हुए ड्रोन हमले के बाद की गई है। लाल सागर में भारत आ रहे एक जहाज पर भी हमला किया गया था। लाल सागर में हौथी विद्रोहियों द्वारा जहाजों पर किए जा रहे हमले रोकने के लिए अमेरिका ने दस देशों के साथ मिलकर गठबंधन तैयार किया है। भारत इस गठबंधन में शामिल नहीं है। भारत ने स्वतंत्र रूप से अपने युद्धपोत अरब सागर में तैनात किए हैं।

P8I विमान से की जा रही निगरानी

इंडियन नेवी P8I विमान से अरब सागर के महत्वपूर्ण इलाकों की निगरानी कर रही है। यह विमान निगरानी के साथ ही पनडुब्बियों का पता लगाने और खत्म करने के भी काम आता है। इसके साथ ही नेवी द्वारा निगरानी के लिए अमेरिका से लिए गए प्रीडेटर ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पश्चिमी तट पर इंडियन कोस्टल गार्ड द्वारा भारत के EEZ (Exclusive Economic Zone) की निगरानी बढ़ा दी गई है। इसके लिए पेट्रोल वेसल्स के साथ ही डोर्नियर विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अमेरिकी ने तैनात किया है दो एयर क्राफ्ट कैरियर

दूसरी ओर अमेरिकी ने भूमध्य सागर में एयरक्राफ्ट कैरियर गेराल्ड फोर्ड को स्ट्राइक फोर्स के साथ तैनात किया है। अमेरिका का ड्वाइट डी. आइजनहावर एयर क्राफ्ट कैरियर लाल सागर में हौथी विद्रोहियों द्वारा दागे गए बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए अदन की खाड़ी से दूर तैनात है।

यह भी पढ़ें- Israel Hamas War: UN की चेतावनी पर इजराइल का ऐलान, कब तक चलेगी हमास के खिलाफ जंग?

गौरतलब है कि भारतीय तट के पास एमवी केम प्लूटो पर हुए ड्रोन हमले ने भारत की सतर्कता बढ़ा दी। इंडियन नेवी हौथी विद्रोहियों के हमले रोकने के साथ ही सोमालिया के समुद्री डाकुओं से भी जहाजों की सुरक्षा कर रही है। एमवी केम प्लूटो की फिलहाल मुंबई में मरम्मत चल रही है।

यह भी पढ़ें- रिपोर्ट में शॉकिंग खुलासा: 7 अक्टूबर को हमले में हमास ने महिलाओं के साथ की बर्बर यौन हिंसा

अरब सागर में तैनात इंडियन नेवी के पांच सबसे घातक विध्वंसकों को वर्तमान में 25,000 टन के तेल टैंकर एमवी स्वर्णमाला द्वारा ईंधन दिया जा रहा है। इसे भारतीय नौसेना ने किराए पर लिया है। भारतीय नौसेना के आईएनएस दीपक जैसे टैंकर की तुलना में इस टैंकर के पास अधिक ईंधन ले जाने की क्षमता है।