सार
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने सेना को राजनीति से दूर रहने की सलाह दी थी। अब आईएसआई प्रमुख ने अपने कमांडरों को राजनीति से दूर रहने के सख्त आदेश जारी किए हैं।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने अपने कमांडरों को राजनीति से दूर रहने के सख्त आदेश जारी किए हैं। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी ऐसा निर्देश दिया था। यह डेवलपमेंट उस घटनाक्रम के बाद आया है, जिसमें पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ था। सेना के सूत्रों की मानें तो यह कवायद अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा सेना के खिलाफ चलाए अभियान की भरपाई करने के लिए है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने व्यक्तिगत रूप से अपने अधीनस्थों को निर्देश जारी किए। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि उन्हें सख्त शब्दों में राजनीति से दूर रहने और ऐसी किसी भी गतिविधि से बचने के लिए कहा गया है। आईएसआई प्रमुख ने आगे कहा कि इसके लिए जीरो टालरेंस की रणनीति अपनाई जाएगी। उल्लंघन करने वाले खुफिया अधिकारियों को एजेंसी से निकाला भी जा सकता है।
सेना पर लग रहे थे आरोप
पाकिस्तान में अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि देश की खुफिया एजेंसी के कुछ अधिकारी कोशिश कर रहे थे कि पंजाब में आगामी उपचुनावों में हेरफेर की जाए। दरअसल, पाकिस्तानी सेना ने करीब 73 वर्षों से अधिक के समय में आधे से अधिक समय तक तख्तापलट करके देश पर शासन किया है। इतना ही नहीं सेना ने अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में भी अपनी शक्ति का प्रयोग किया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव नहीं जीत पाई थी। जिसके बाद पार्टी लगातार सेना को निशाने पर ले रही थी और आरोप लगाया जा रहा है कि यह सब सेना की वजह से हुआ।
क्या है इमरान खान का दावा
क्रिकेटर से राजनेता बने 69 वर्षीय खान का दावा है कि उनका निष्कासन अमेरिका द्वारा रची गई साजिश का नतीजा है। जिसने देश की विदेश नीति को नियंत्रित किया। इमरान खान संसद में अविश्वास प्रस्ताव में अपदस्थ होने वाले एकमात्र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं। उनकी जगह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ ने ले ली है। इसके लिए इमरान खान और उनकी पार्टी ने सेना को दोषी ठहराया और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर सीधे उंगली उठाने के लिए सोशल मीडिया पर जोरदार अभियान चलाया।
आईएसआई पर लगे आरोप
पाकिस्तान में पंजाब विधानसभा की 20 खाली सीटों पर 17 जुलाई को उपचुनाव होंगे। हाल ही में पीटीआई के वरिष्ठ नेता यास्मीन राशिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना कोई सबूत दिए आरोप लगाया कि आईएसआई सेक्टर कमांडर, लाहौर, ब्रिगेडियर राशिद पीटीआई के खिलाफ राजनीतिक हेरफेर में शामिल हैं। पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने भी आरोप लगाया कि उन्हें पंजाब विधानसभा चुनाव में साजिश के जरिए हराया गया। पंजाब में आगामी उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जो भी पार्टी अधिक सीटें जीतेगी वह प्रांत में सरकार बनाएगी।
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