बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के समर्थकों पर कार्रवाई और पत्रकारों की गिरफ्तारी पर चिंता जताई जा रही है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने चेतावनी दी है कि ये कार्रवाइयां देश के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
Human Rights violation in Bangladesh: पाकिस्तान में मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के समर्थकों और करीबियों को कानून की आड़ में उत्पीड़न शुरू कर दिया गया है। यूनुस सरकार में सुधार के नाम पर अपदस्त प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों और अंतरिम सरकार से असहमत लोगों पर कड़ी कार्रवाईयां की जा रही हैं। यहां तक की पत्रकारों के खिलाफ भी प्रतिशोध में अंधाधुंध गिरफ्तारियां की जा रही हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने बांग्लादेश की स्थितियों पर चिंता जतायी है। मानवाधिकार संगठन ने चेतावनी दी कि पत्रकारों के खिलाफ प्रतिशोध और अंधाधुंध गिरफ्तारियों से बांग्लादेश को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन में कानूनी दुर्व्यवहार को समाप्त करने का एक बार मिलने वाला अवसर खत्म हो सकता है।
पिछले साल 2024 के अगस्त महीने में छात्रों के नेतृत्व वाली क्रांति के बाद हसीना निर्वासन में चली गईं जिसके बाद उनके 15 साल के निरंकुश शासन का अंत हो गया जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कुछ दिनों बाद कार्यभार संभाला जिसने दूरगामी लोकतांत्रिक सुधार लागू करने और नए चुनाव कराने का वादा किया।
लेकिन यूनुस सरकार भी हसीना की राह पर...
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में, HRW ने कहा कि यूनुस प्रशासन भी शेख हसीना की राह पर चल रहा है। शेख हसीना ने अपनी आवामी लीग पार्टी के विरोधियों को सताने के लिए जो हथकंड़े और जिन बदनाम संस्थाओं का इस्तेमाल किया था, यूनुस सरकार ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया है। वॉचडॉग की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने चेतावनी दी कि अगर अंतरिम सरकार तेजी से और संरचनात्मक सुधारों को लागू नहीं करती है तो यह कड़ी मेहनत से हासिल की गई प्रगति खो सकती है।
हसीना के दस हजार से अधिक समर्थकों पर केस
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने हसीना के समर्थकों को निशाना बनाने के लिए पिछली सरकार की विशेषता वाली अपमानजनक प्रथाओं को फिर से अपना लिया है। हसीना के सत्ता से बाहर होने के दो महीनों के बाद दसियों हज़ार लोगों के खिलाफ़ आरोप दर्ज किए हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, हसीना की सरकार को गिराने वाले विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों पर बिना यह जाने कि उनकी हत्या में किस पर आरोप लगाया जा रहा है, केस दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला गया था।
पत्रकारों पर भी हो रही कार्रवाई
मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम सरकार ने हसीना की सरकार का समर्थन करने वाले पत्रकारों के खिलाफ़ कठोर कार्रवाई की है। पिछले साल गर्मियों में प्रदर्शनकारियों पर हसीना सरकार की कार्रवाई का कथित समर्थन करने के लिए नवंबर तक कम से कम 140 पत्रकारों के खिलाफ़ हत्या के आरोप दर्ज किए गए थे।
यूनुस सरकार ने रिपोर्ट पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
यूनुस की सरकार ने अभी तक रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, सत्ता संभालने के बाद 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक प्रशासन और न्याय की पूरी तरह से टूटी हुई प्रणाली विरासत में मिली है जिसे भविष्य में निरंकुशता की वापसी को रोकने के लिए व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
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