सार
नासा का पृथ्वी को ऐस्टेरॉयड(Asteroid) यानी क्षुद्रग्रह से बचाने का टेस्ट कामयाब रहा है। यानी नासा का 5 अरब किलो वजनी एस्टेरॉयड की दिशा और रफ्तार बदलने वाला नासा डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART)) एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा है।
NASA DART Mission: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भारतीय समयानुसार 4.44 मिनट पर एक नया इतिहास रचा है। नासा का पृथ्वी को ऐस्टेरॉयड(Asteroid) यानी क्षुद्रग्रह से बचाने का टेस्ट कामयाब रहा है। यानी नासा का 5 अरब किलो वजनी एस्टेरॉयड की दिशा और रफ्तार बदलने वाला नासा डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (double asteroid redirection test-DART)) एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा है। बस अब फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है। जैसे ही फुटबॉल स्टेडियम के बराबर डिमॉरफोस(Dimorphos एक क्षुद्रग्रह का एक छोटा सेटेलाइट है, जिसे 2003 में खोजा गया था) से स्पेस क्राफ्ट की टक्कर हुई, प्रोजेक्ट DART से जुड़ी नासा की टीम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। टक्कर होते ही साइंटिस्ट तालियां बजाने लगे।
इसलिए किया गया यह एक्सपेरिमेंट
इस एक्सपेरिमेंट का मकसद यह परखना था कि स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से एस्टेराइड की दिशा और रफ्तार पर कोई असर पड़ता है कि नहीं ? नासा को अब डिटेल्स रिपोर्ट का इंतजार है, ताकि मालूम चल सके कि इस एक्सपेरिमेंट का कितना असर हुआ है। बता दें कि क्षुद्रग्रह (Asteroid) खगोलीय पिंड होते है, जो ब्रह्मांड में विचरण करते रहते है। मतलब क्षुद्रग्रह आंतरिक सौर मंडल(Solar System) का एक छोटा ग्रह है। क्षुद्रग्रहों के आकार और आकार में काफी भिन्नता है। ये एक मीटर चट्टानों से लेकर लगभग 1000 किमी व्यास वाले बौने ग्रह तक हो सकते हैं। ये धात्विक या चट्टानी पिंड हैं जिनमें कोई वायुमंडल( metallic or rocky bodies with no atmosphere) नहीं है। डार्ट को नवंबर 2021 में पृथ्वी से लॉन्च किया गया था। यह एक बस के आकार जितना है। इसे किसी खतरनाक क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से टक्कर रोकने के लिए बनाया गया था।
इसलिए चुना गया था यह क्षुदग्रह
नासा के अनुसार, 11 मिलियन किलोमीटर दूर से किसी टार्गेट पर सीधा निशाना साधना सरल काम नहीं है। क्षुद्रग्रह को नासा ने इसलिए चुना था, क्योंकि यह पृथ्वी के सबसे करीब था। इस एक्सपेरिमेंट से अंतरिक्ष यान की क्षमता का परीक्षण करने का अवसर मिलेगा।
जानिए क्या था यह एक्सपेरिमेंट
अमेरिकी समयानुसार कल शाम 7.14 मिनट पर यानी भारतीय समयानुसार 27 सितंबर सुबह 4.44 मिनट पर अंतरिक्ष में धरती से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर NASA का अंतरिक्ष यान डाइमॉरफस नामक एस्टेरॉयड से टकराया। यह एक्सपेरिमेंट पृथ्वी की ओर खतरे के रूप में बढ़ने वाले एस्टेरॉयड का रास्ता बदलने की टेस्टिंग थी। ऐसा पहली बार हुआ है,जब कोई इंसानी अंतरिक्ष यान किसी एस्टेरॉयड से टकराया है।
अब आगे क्या?
NASA के इस मिशन की डिप्टी प्रोग्राम मैनेजर एलेना एडम्स ने ने कहा कि टक्कर कामयाब रही। मिशन का पहला पार्ट सफल रहा है और DART अपने तय टारगेट से 17 मीटर दूर टकराया। अब वैज्ञानिक अगले दो महीने एस्टेरॉयड की स्पीड और मूवमेंट पर नजर रखेंगे। इसका कैलकुलेशन किया जाएगा। यानी इसके बाद ही सटीक जानकारी मिलेगी कि NASA एस्टेरॉयड का रास्ता बदलने की कोशिश में कितना सफल रहा है। मिशन के पूरे असर की जानकारी 2024 में यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेसक्राफ्ट HERA के डाइमॉरफस पर जाने पर लगेगी। HERA 2026 तक वहां पहुंचेगा।