सार

Pakistan में राजनीतिक तापमान बढ़ता  जा रहा है। सत्ता में बने रहने के लिए इमरान खान कई बार देशवासियों को संबोधित कर चुके हैं। अपने संबोधन में वह डिक्टेटर की भांति भाषण में अधिक बार वह अपने प्रयासों और स्वयं की बातें कर रहे है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। राजनीतिक अस्थिरता के बीच अब विपक्षी दलों के नेता और संभावित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान (Imran Khan) पर निशाना साधा है। शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर निजी हित साधने के लिए पाकिस्तान के वैश्विक हित को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि जिस तरह से इमरान खान ने देश के वैश्विक हितों को खतरे में डाला है, उससे वह हैरान हैं।"

इमरान खान ने विदेशी नीति को पहुंचाया नुकसान

इमरान खान को पाकिस्तान के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने हमारी विदेश नीति को हुए नुकसान की गणना नहीं की जा सकती है।

क्यों शहबाज शरीफ ने लगाया आरोप?

गुरुवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में, इमरान खान ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए एक कथित विदेशी साजिश में वाशिंगटन की भूमिका के बारे में आरोप लगाया था। खान ने अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के योगदान को प्रतिक्रिया नहीं करने के लिए भी अमेरिका को फटकार लगाई थी। इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की गुपचुप मुलाकात का भी जिक्र किया था।

बिलावल भुट्टो बोले-इमरान खान को देना पड़ेगा इस्तीफा

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इसके पहले कहा कि इमरान खान ने नेशनल असेंबली में अपना बहुमत खो दिया है और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ जल्द ही देश के प्रधान मंत्री बन जाएंगे।

पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पद से इस्तीफा देने की चुनौती दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा कि उनके (इमरान खान) के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। वह या तो इस्तीफा दे सकते हैं या अविश्वास के जरिए बर्खास्त हो सकते हैं।

एमक्यूएम-पी ने भी दिया इमरान की पार्टी को झटका

दरअसल, इमरान खान के साथ खड़े दल भी उनका साथ छोड़ रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के पहले कई सहयोगी दल साथ छोड़ चुके हैं। बीते मंगलवार को सत्तारूढ़ पीटीआई को एक और झटका लगा जब सरकार की सहयोगी एमक्यूएम-पी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का साथ देने और उनका समर्थन करने का फैसला किया।
MQM-P के पास नेशनल असेंबली में सात सीटें हैं और सरकार से अलग होने के अपने फैसले के बाद, विपक्ष को 177 MNA का समर्थन प्राप्त है, जो बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक 172 से पांच अधिक है।

राष्ट्र के नाम इमरान का संबोधन बना मजाक

जीईओ न्यूज और द न्यूज इंटरनेशनल के एक रिपोर्टर मुर्तजा अली शाह ने इमरान खान के राष्ट्र के नाम संबोधन का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि मिस्टर खान का संबोधन "आई, मी, माईसेल्फ" के बारे में था। शाह ने कहा कि मिस्टर खान ने 45 मिनट के लंबे भाषण के दौरान 213 बार खुद का जिक्र किया। श्री शाह ने ट्वीट किया, "इमरान खान ने 45 मिनट के लंबे भाषण के दौरान 213 बार 'मैं, मैं, खुद, इमरान खान' के बारे में बात की।"

इमरान ने 1990 के दशक में एक सफल क्रिकेट करियर के बाद राजनीति में प्रवेश करने की बात कही थी। उन्होंने कहा, "मैंने राजनीति में प्रवेश किया क्योंकि मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि पाकिस्तान कभी भी वह देश नहीं हो सकता जिसका अल्लामा इकबाल ने सपना देखा था और कायदे आजम ने खराब स्वास्थ्य की वजह से संघर्ष करते रहे।"