सार

ईरान महिलाओं पर अत्याचार के लिए कुख्यात है। शरिया कानून के चलते वहां महिलाओं से आए दिन भेदभाव किया जाता है। ईरान में लड़कियों और महिलाओं को हिजाब में रखा जाता है। इसी के विरोध में राजधानी तेहरान में 22 साल की लड़की महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई, जिसके बाद पूरा ईरान सुलग उठा। आखिर कौन हैं महसा अमीनी, आइए जानते हैं।

Iran Hijab Row: इस्लामिक देश ईरान महिलाओं पर अत्याचार के लिए कुख्यात है। शरिया कानून के चलते वहां महिलाओं से आए दिन भेदभाव किया जाता है। ईरान में लड़कियों और महिलाओं को हिजाब में रखा जाता है। इसी के विरोध में राजधानी तेहरान में 22 साल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। महिलाएं अपने बाल काट न सिर्फ वहां की सरकार के  खिलाफ अपना गुस्सा निकाल रही हैं बल्कि सरकार को चुनौती भी दे रही हैं। आखिर कौन हैं महसा अमीनी, जिनकी मौत के बाद सुलग उठा ईरान?

कौन हैं महसा अमीनी?
महसा अमीनी मूल रूप से कुर्दिश महिला थी, जो सकेज की रहने वाली थी। वो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने तेहरान आई थी। हिजाब ना पहनने की वजह से 22 साल की महसा अमीनी को ईरान की पुलिस ने 13 सितंबर को हिरासत में ले लिया था। कहा जा रहा है कि पुलिस की प्रताड़ना के बाद 16 सितंबर को महसा अमीनी की मौत हो गई। महसा अमिनी की मां ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। मौत के बाद महसा अमीनी ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे आंदोलन की पोस्टर गर्ल बन गई हैं।  

किसी मर्द से हाथ नहीं मिला सकती ईरानी महिला : 
ईरान एक इस्लामिक देश है, जहां शरिया कानून चलता है। ईरान में 7 साल से बड़ी लड़की को बिना हिजाब के घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। इसके साथ ही लड़कियों को सात साल के बाद लंबे और ढीले कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है। ईरान में कोई लड़की सार्वजनिक तौर पर किसी मर्द से हाथ नहीं मिला सकती है। यहां तक कि पुरुष खेलों को देखने के लिए उसे स्टेडियम जाने की इजाजत भी नहीं होती। 

शरिया कानून न मानने पर बेइंतहा जुल्म : 
ईरानी महिलाएं हिजाब पहनें, इसके लिए वहां की सरकार ने एक मॉरल पुलिस का गठन किया है, जो देश के हर छोटे-बड़े शहरों में हिजाब के नियम को लागू करवाने के लिए कई बार लोगों पर बेइंतहा जुल्म-ओ-सितम करती है। ईरान में सही तरीके से हिजाब न पहनने ओर सिर न ढंकने पर पुलिस जबर्दस्ती करती है। महिलाओं के खिलाफ इसी तरह के भेदभाव को लेकर अब वहां की लड़कियां हिजाब का पुरजोर विरोध कर रही हैं। 

इस्लाम के खिलाफ व्यवहार करने पर सख्त सजा :
शिया बहुल ईरान इस्लामिक राष्ट्र है, जहां सख्त धार्मिक कानून लागू है। इसके तहत महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। कट्टर इस्लामिक शरिया कानून के चलते पब्लिक प्लेस पर भी लोगों के व्यवहार पर नजर रखी जाती है। इसके साथ ही इस्लाम के खिलाफ व्यवहार करने पर लोगों को सख्त सजा का प्रावधान है। ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 

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