सार
इस बार 15 अक्टूबर, शुक्रवार को विजयादशमी (Vijayadashami 2021) का पर्व मनाया जाएगा। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में इसी दिन भगवान श्रीराम ने राक्षसराज रावण का वध किया था।
उज्जैन. वाल्मीकि रामायण के अनुसार अपनी बहन शूर्पणखा का बदला लेने के लिए रावण ने श्रीराम की पत्नी सीता का छल से हरण कर लिया था, और उन्हें लंका ले गया था। जहां रावण ने देवी सीता को अपने महल में रखते हुए अशोक वाटिका में रखा था। रावण का महल बहुत विशाल था, लेकिन इसके बाद भी उसने देवी सीता को अशोक वाटिका में क्यों रखा, इसके पीछे वाल्मीकि रामायण में एक कथा मिलती है, जो इस प्रकार है…
- एक बार स्वर्ग की अप्सरा रंभा कुबेरदेव के पुत्र नलकुबेर से मिलने जा रही थी। रास्ते में रावण ने उसे देखा और वह रंभा के रूप और सौंदर्य को देखकर मोहित हो गया। रावण ने रंभा को बुरी नीयत से रोक लिया।
- इस पर रंभा ने रावण से उसे छोडऩे की प्रार्थना की और कहा कि- आज मैंने आपके भाई कुबेर (धनराज कुबेर रावण के सौतेले भाई हैं) के पुत्र नलकुबेर से मिलने का वचन दिया है अत: मैं आपकी पुत्रवधु के समान हूं अत: मुझे छोड़ दीजिए।
- परंतु रावण था ही दुराचारी वह नहीं माना और रंभा के शील का हरण कर लिया। रावण द्वारा रंभा के शील हरण का समाचार जब कुबेर देव के पुत्र नलकुबेर का प्राप्त हुआ तो वह रावण पर अति क्रोधित हुआ।
- क्रोध वश नलकुबेर ने रावण को श्राप दे दिया कि- आज के बाद यदि रावण ने किसी भी स्त्री को बिना उसकी स्वीकृति के बिना अपने महल में रखा या उसके साथ दुराचार किया तो वह उसी क्षण भस्म हो जाएगा।
- इसी श्राप के डर से रावण ने देवी सीता को राजमहल में न रखते हुए राजमहल से दूर अशोक वाटिका में रखा। इसके अलावा भी रावण को अन्य बहुत सी महिलाओं ने इस प्रकार के श्राप दिए थे, जो उसके सर्वनाश का कारण बने।
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