सार
जून और जुलाई में शादियों के लिए अब सिर्फ 5-5 शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद 20 जुलाई को देवशयन यानी चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी, जिससे अगले 4 महीनों में विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। फिर नवंबर में शादियों की शुरुआत हो सकेगी।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक इस साल चातुर्मास और धनुर्मास के कारण शादियों के लिए मुहूर्त बहुत ही कम है। इसके लिए लोगों को अबूझ मुहूर्त का इंतजार है। देश के कुछ हिस्सों में आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की नवमी को अबूझ मुहूर्त मान कर इस तिथि में शादियां की जाती हैं। इसे भड़ली नवमी कहा जाता है। जो कि इस बार 18 जुलाई को है। इसके बाद अगला अबूझ मुहूर्त देवउठनी एकादशी रहेगा। जो कि 14 नवंबर को है। चार महीने बाद इसी दिन से शादियों की शुरुआत हो जाएगी।
साल के बचे 6 में से साढ़े 5 महीने मुहूर्त नहीं
20 जुलाई से देवशयन शुरू हो जाएगा जो कि 14 नवंबर तक रहेगा। तकरीबन इन 4 महीनों के दौरान शुभ कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में सूर्य धनु राशि में आ जाएगा जिसे धनुर्मास कहते हैं। इस एक महीने के दौरान भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस तरह जुलाई से दिसंबर तक 6 महीनों में सिर्फ 21 दिन शादियां की जा सकेंगी।
जून के शेष शुभ मुहूर्त
22, 23, 24
जुलाई के शुभ मुहूर्त
1, 2, 7, 13, 15
नवंबर के शुभ मुहूर्त
15, 16, 20, 21, 28, 29, 30
दिसंबर के शुभ मुहूर्त
1, 2 6, 7, 11, 13