सार
सभी लोगों की अपनी-अपनी सोच होती है। अक्सर जो लोग खुद कामयाब नहीं होते, दूसरों को भी कामयाब होते नहीं देखना चाहते। अगर कोई कामयाब होता दिखता भी है तो उसे नकारात्मक बातों में उलझाकर लक्ष्य से भटका देते हैं।
उज्जैन. जो लोग निगेटिव बातों में भी पॉजिटिविटी तलाश कर लेते हैं, वे ही जीवन में सफल कहलाते हैं। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि कैसे हम निगेटिव बातों में भी पॉजिविटिटी ढूंढ सकते हैं।
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जब राजा को मिला एक नामुमकिन लक्ष्य
एक राजा अपने सैनिकों के साथ दूर देश की यात्रा पर जा रहा था। वो राजा बहुत ही पराक्रमी और निडर था। चलते-चलते रास्ते में कई जंगल और नदियां आई। राजा ने अपनी सेना सहित उन्हें पार कर लिया। जब राजा अपनी मंजिल तक पहुंचने वाला था, तभी उसके सामने एक चुनौती आ खड़ी हुई।
उसने देखा कि सामने एक बहुत ही ऊंचा पहाड़ है, जिस पार करना लगभग नामुमकिन था। उस पर्वत की ऊंचाई देखकर सेना का उत्साह भी ठंडा हो गया। सभी को यही लग रहा था कि इस पर्वत को पार करना किसी के बस की बात नहीं है। फिर भी राजा ने सेना को पहाड़ पर चढ़ने की आज्ञा दी।
एक बुढ़िया राजा और उसकी सेना को देख रहा थी। जब उसने सुना कि राजा सेना सहित उस पहाड़ पर चढ़ना चाहता है तो वो राजा के पास जाकर बोली “ तुम क्यों मरना चाहते हो। यहा जितने भी लोग आये हैं उनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा और तुम इतनी बड़ी सेना लेकर इस पहाड़ को पार करना चाहते हो।”
उस बुढ़िया की यह बात सुनकर राजा नाराज़ होने की बजाये प्रेरित हो गया और झट से अपने हीरों का हार उतारकर उसे पहना दिया और फिर बोला “आपने मेरा उत्साह दोगुना कर दिया और मुझे प्रेरित किया है, अगर मैं मर गया तो कोई बात नहीं लेकिन अगर मै जिंदा बचा तो इतिहास में मेरा नाम अमर हो जाएगा।
राजा ने अपनी सेना में उत्साह जगाया और पूरी ताकत के साथ पहाड़ पर चढ़ाई शुरू। बहुत मुश्किलों के बाद जैसे-तैसे वो पहाड़ को पारकर अपनी मंजिल तक पहुंच गया। उसकी इस सफलता ने उसे अमर बना दिया। सभी लोग उस राजा की तारीफ करते नहीं थकते थे। इस तरह एक बुढ़िया की नकारात्मक बात ने उस राजा को सकारात्मक सोच से भर दिया।
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निष्कर्ष ये है कि…
जब भी आप अपने लिए कोई कठिन लक्ष्य तैयार करते हैं तो लोग पहले से ही उसके बारे में निगेटिव बातें सोचने लगते हैं। और ये साबित करने की कोशिश करते हैं कि आप उस लक्ष्य को नहीं पा सकते। यही वो मौका होता है जब आप खुद की योग्यता लोगों के सामने ला सकते हैं।
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