सार
इस बार सूर्यदेव 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य इस नक्षत्र में 8 जून की सुबह 6.57 तक रहेंगे। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाएगा।
उज्जैन. नौतपा के दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं। इन 9 दिनों में सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में होते हैं और भीषण गर्मी उत्पन्न करते हैं। यदि इन नौ दिनों में बारिश न हो और न ही ठंडी हवा चले तो माना जाता है कि इस बार बारिश अच्छी होगी।
इस दिन से होगा नौतपा प्रारंभ
इस बार नौतपा 25 मई से शुरू होगा। इस दिन सूर्य सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य इस नक्षत्र में 8 जून की सुबह 6 बजकर 57 मिनट तक रहेंगे। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस बार नौतपा के शुरुआती छह दिनों में गर्मी के साथ ही उमस भी खूब होगी। वहीं जब नौतपा समापन की ओर होगा तब अंतिम के तीन दिन हवाएं तेज चलेंगी। कहीं-कहीं मध्यम बारिश के भी आसार हैं तो कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
नौतपा से जुड़ी खास बातें…
1. सनातन धर्म में सूर्य देवता का विशेष स्थान है। नौतपा का वर्णन श्रीमद्भागवत में भी किया गया है। ऐसी मान्यता है कि जब ज्योतिष की रचना हुई तबसे ही नौतपा भी चला आ रहा है।
2. सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृषभ राशि के 10 अंश से 23 अंश 20 कला तक रहते हैं तब नौतपा होता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक मौजूद रहेंगे, लेकिन शुरुआती 9 दिनों में काफी गर्मी होती है।
3. नौतपा को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहता है कि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं। इसके चलते पृथ्वी पर तापमान बढ़ जाता है। नौतपा के दौरान अधिक गर्मी के चलते मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं और इससे अच्छी बारिश होने की संभावना बनती है।