सार
वास्तु शास्त्र में घर की प्रत्येक वस्तु के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी करने से आप किसी मुसीबत में फंस सकते हैं। वास्तु के मुताबिक घर में जूते-चप्पल रखने के लिए भी एक दिशा निर्धारित है।
उज्जैन. वास्तु शास्त्र में घर की प्रत्येक वस्तु के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी करने से आप किसी मुसीबत में फंस सकते हैं। वास्तु के मुताबिक घर में जूते-चप्पल रखने के लिए भी एक दिशा निर्धारित है। आज हम आपको बता रहे हैं जूते चप्पल से जुड़ी जरूरी बातें जिनका जरूर पालन करना चाहिए…
1. घर के बाहर पहने जाने वाले जूते-चप्पल को घर के अंदर लेकर नहीं आना चाहिए, क्योंकि इससे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
2. जूते की अलमारी मुख्य दरवाजे से 2-3 फुट की दूरी पर होनी चाहिए।
3. जूते की रैक या अलमारी में रखे जूते-चप्पल दिखने नहीं चाहिए. इसलिए बेहतर है कि जूते-चप्पल का ऐसा रैक लिया जाए जिसमें दरवाजा लगा हो।
4. जूते-चप्पल की अलमारी कभी भी घर में बने पूजा के कमरे और रसोई की दीवार से सटाकर नहीं रखनी चाहिए।
5. जूते-चप्पलों की अलमारी या रैक के लिए वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम दिशा व नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा सही जगह है।
6. यह ध्यान रखें कि जिस अलमारी में आप पैसे रखते हैं उसके नीचे के खाने में जूते-चप्पल का रैक कभी न बनाएं, ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं।
7. बेडरूम में और पलंग के नीच कभी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। इससे पति-पत्नी के संबंधों में तनाव उत्पन्न होता है और स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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