Navratri Akhand Jyoti: अगर आप भी नवरात्रि में जलाते हैं अखंड ज्योति तो पहले जान लें इसके नियम

Akhand Jyoti Jalane Ke Niyam: नवरात्रि एक मात्र ऐसा त्योहार है जो साल में 4 बार मनाया जाता है। इनमें से 2 प्रकट नवरात्रि होती है और 2 गुप्त। प्रकट नवरात्रि में घट स्थापना की जाती है और सात्विक रूप से माता की पूजा की जाती है।
 

Manish Meharele | Published : Sep 12, 2022 5:40 AM IST / Updated: Sep 12 2022, 03:21 PM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, साल की तीसरी नवरात्रि आश्विन मास में मनाई जाती है। ये प्रकट नवरात्रि होती है। इस नवरात्रि में सात्विक तरीके से माता की पूजा का विधान है। शरद ऋतु में आने के कारण इसे शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022) कहा जाता है। इस बार ये पर्व 26 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा। इस नवरात्रि में घट स्थापना के साथ-साथ अखंड ज्योति (Navratri Akhand Jyoti) भी जलाई जाती है। ये ज्योति पूरे 9 दिनों तक जलती रहती है। जो भी लोग अपने घरों में अखंड ज्योतिष स्थापित करते हैं, उन्हें कुछ नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। आगे जानिए इन नियमों के बारे में…

1. नवरात्रि में माता दुर्गा के सामने नौ दिन तक अखंड ज्योति जलाई जाती है। इस ज्योति को माता का ही स्वरूप माना जाता है। जो भी लोग अपने घरों में अखंड ज्योति स्थापित करते हैं, उन्हें सात्विकता का पालन करना चाहिए। यानी कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे घर की पवित्रता भंग हो।

Latest Videos

2. यह अखंड ज्योत माता के प्रति आपकी अखंड आस्था का प्रतीक स्वरूप होती है। माता के सामने एक छोटा व एक बड़ा शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। यदि घी डालते समय या किसी अन्य कारण से अखंड ज्योति बुझ जाए तो छोटे दीपक की लौ से अखंड ज्योत पुन: जलाई जा सकती है। 

3. मान्यता के अनुसार, मंत्र महोदधि (मंत्रों की शास्त्र पुस्तिका) के अनुसार दीपक या अग्नि के सामने किए गए जाप का साधक को हजार गुना फल प्राप्त हो है। कहा जाता है-
दीपम घृत युतम दक्षे, तेल युत: च वामत:।
अर्थात: घी का दीपक देवी के दाहिनी ओर तथा तेल वाला दीपक देवी के बाईं ओर रखना चाहिए।

4. अखंड ज्योति को ऐसे स्थान पर स्थापित करें, जहां अधिक हवा न जाए या फिर इसके ऊपर कांच का एक कवर भी लगा सकते हैं, जिससे इससे बुझने का भय न रहे।

5. जब तक घर में देवी के नाम की अंखड ज्योत जलती रहे, तब तक घर के सभी लोगों को पूर्ण रूप से सात्विक धर्म का पालन करना चाहिए। यानी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मांसाहार या शराब आदि किसी भी प्रकार का नशा न करें।

6. अंखड ज्योति को घर में ऐसे स्थान पर जलाएं, जहां आस-पास शौचालय या बाथरूम न हो। इस बात का भी ध्यान रखें कि अंखड ज्योति जब तक घर में जल रही है तब तक घर पर ताला लगाएं यानी परिवार का कोई-न-कोई सदस्य घर में जरूर रहे।


ये भी पढ़ें-

Navratri 2022: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें घट स्थापना की विधि, शुभ मुहूर्त, आरती व अन्य बातें


Navratri 2022: ये हैं देवी के 10 अचूक मंत्र, नवरात्रि में किसी 1 के जाप से भी दूर हो सकती है आपकी परेशानियां

Navratri 2022: एक साल में कितनी बार और कब-कब मनाया जाता है नवरात्रि पर्व? जानें गुप्त नवरात्रि का रहस्य
 

Share this article
click me!

Latest Videos

जम्मू के कटरा में PM Modi ने भरी हुंकार, शाही परिवार को धो डाला
'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts