Bail Pola 2022: कब है बैल पोला, क्यों मनाते हैं ये पर्व? जानिए इससे जुड़ी खास बातें

Bail Pola 2022: हमारे देश में हर त्योहार अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न परंपराओं और रीति रिवाजों के साथ मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार है बैल पोला। ये पर्व भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाता है जो इस बार 27 अगस्त, शनिवार को है।
 

उज्जैन. इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या 27 अगस्त, शनिवार को है। इस दिन कुशग्रहणी अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या, बैल पोला (Bail Pola 2022) और पिठौरी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इन सभी नामों में से बैल पोला के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये पर्व मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के कुछ स्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन बैलों की पूजा की जाती है। इसे बैल पोला और पोला पर्व के माना जाना जाता है।

महाराष्ट्र का मुख्य पर्व है बैल पोला
बैल पोला वैसे तो देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में इसका महत्व काफी ज्यादा है। विदर्भ में बैल पोला को मोठा पोला भी कहते हैं एवं इसके दुसरे दिन को तान्हा पोला कहा जाता है। भारत एक कृषिप्रधान देश है और ज्यादातर किसान खेती करने के लिए बैलों का प्रयोग करते हैं। इसलिए सभी किसान पशुओं की पूजा करके उन्हें धन्यवाद देते हैं।

ऐसे मनाते हैं ये उत्सव?
बैल पोला पर किसान अपने बैलों की गले से रस्सी निकालकर उनकी तेल मालिश करते हैं। इसके बाद उन्हें अच्छे से नहलाकर तैयार किया जाता है। कई स्थानों पर बैलों को रंग बिरंगे कपड़े और जेवर के साथ फूलों की माला पहनाई जाती है। इसके बाद बैलों को बाजरा से बनी खिचड़ी खिलाई जाती है। सभी एक एक स्थान पर इकट्ठा होकर बैलों का जुलूस निकालते हैं और उत्सव मनाते हैं। इस दिन घरों में विशेष तरह के पकवान जैसे पूरन पोली, गुझिया आदि चीजें बनाई जाती हैं। 

Latest Videos

बैल पोला का लाइफ मैनेजमेंट
भाद्रपद मास की अमावस्या तक किसान अपनी फसल बो चुके होते हैं। बैलों की सहायता से ही किसान खेत जोतते है। जब किसान फसल बोकर निश्चिंत हो जाता है तब वो बैलों का धन्यवाद देने के लिए ये पर्व मनाता है। देखने में ये बात भले ही बहुत छोटी लगे, लेकिन इसके पीछे एक लाइफ मैनेजमेंट सूत्र छिपा है वो ये है कि जिन भी पशु व उपकरणों से हमारा जीवन-यापन हो रहा है, वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं। ये भावना हमारे अंदर विनम्रता का भाव भी पैदा करता है।


ये भी पढ़ें-

Shani Amavasya 2022: शनिश्चरी अमावस्या पर दिन भर रहेगा शिव योग, बनेगा ग्रहों का दुर्लभ संयोग


Shani Amavasya 2022: 14 साल बाद 27 अगस्त को बनेगा शुभ योग, पितृ और शनि दोष से मुक्ति के लिए खास है ये दिन

Bhadrapada Amavasya 2022: इस बार 2 दिन रहेगी अमावस्या, पितृ दोष से मुक्ति के लिए ये उपाय करें
 

Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts