Bhai Dooj 2022: मरने के बाद यमराज के इस मंदिर में आती हैं आत्माएं, बहुत अनोखी है इससे जुड़ी मान्यता

Published : Oct 27, 2022, 11:02 AM IST
Bhai Dooj 2022: मरने के बाद यमराज के इस मंदिर में आती हैं आत्माएं, बहुत अनोखी है इससे जुड़ी मान्यता

सार

Bhai Dooj 2022: भाई दूज पर यमराज और यमुना की पूजा का विधान है। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। यमराज के अनेक मंदिर हमारे देश में हैं। इनमें से कुछ बहुत ही प्राचीन है। इनका पौराणिक महत्व भी है।  

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में यमराज को न्याय के देवता कहा गया है। मृत्यु के बाद सभी प्राणियों के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब यमराज ही करते हैं। हमारे देश में यमराज के अनेक मंदिर हैं, इनमें से कुछ बहुत प्राचीन है और इनसे कई मान्यताएं भी जुड़ी हैं। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के चंबा जिले (Chamba District) के भरमौर (Yamraj Temple of Bharmour) में स्थित है। आम दिनों में भी यहां दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रहती है। भाई दूज (Bhai Dooj 2022) पर इस मंदिर में यमराज की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार भाई दूज का पर्व 27 अक्टूबर, गुरुवार को है। 

ये है इस मंदिर से जुड़ी मान्यता
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में स्थित यमराज के मंदिर बहुत ही खास है। इस मंदिर के चार द्वार माने गए हैं, जो अदृश्य है। ऐसा भी कहा जाता है कि ये दरवाजे सोना, चांदी, तांबे और लोहे से बने हैं। इस मंदिर की कल्पना यमराज के दरबार के रूप में की गई है। वहां भी चार दिशाओं में चार दरवाजे बताए गए हैं। 
- ऐसा कहा जाता है कि धरती पर जब भी कोई मनुष्य मरता है तो यमदूत उसकी आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इसी मंदिर में लेकर आते हैं। यहां पहले चित्रगुप्त उस व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब करते हैं और उसी के आधार पर उस आत्मा को स्वर्ग या नर्क मे भेजा जाता है। 
- मान्यताओं के अनुसार, अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर ही आत्माओं को 4 में से किसी एक दरवाजे से आगे भेजा जाता है। जिनके कर्म अच्छे होते हैं, उनकी आत्मा सोने के द्वार से आगे जाती है और जो बुरे कर्म करते हैं, उनकी आत्मा लोहे के दरवाजे से। अन्य दो दरवाजे भी कर्म के आधार पर ही तय होते हैं।

कैसे पहुंचें?
- भरमौर पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले चंबा पहुंचना होगा। यहां से भरमौर की दूरी लगभग 60 किमी भरमौर है, जहां यमराज का ये प्राचीन मंदिर स्थित है। चंबा का सबसे करीबी एयरपोर्ट कांगड़ा में है, जो यहां से 115 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आपको चंबा के लिए बस, टैक्सी आसानी से मिल सकती है।
- चंबा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट में है, जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, चंडीगढ़, बेंगलुरु आदि बड़े शहरों से ये रेलवे स्टेशन सीधे जुड़ा हुआ है। यहां से भी चंबा के लिए साधन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
- अगर आप बस से चंबा जाना चाहते हैं तो आपको  दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से सीधी बस मिल जाएगी। सड़क मार्ग से भी ये शहर पूरे देश से कनेक्ट है। चंबा पहुंचकर भरमौर आसानी से पहुंचा जा सकता है।


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