Buddha Jayanti 2022: PM मोदी करेंगे नेपाल के मायादेवी मंदिर में पूजा, इसे कहा जाता है पहला बौद्ध तीर्थ स्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (16 मई, सोमवार) बु्द्ध जयंती (Buddha Jayanti 2022) के मौके पर नेपाल दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान पीएम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (lumbini) भी जाएंगे।

Manish Meharele | Published : May 16, 2022 4:06 AM IST / Updated: May 16 2022, 09:48 AM IST

उज्जैन. नेपाल में पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सबसे पहले मायादेवी मंदिर (Lumbini Maya Devi Temple) में पूजा करेंगे और इसके बाद बौद्ध सांस्कृतिक केंद्र का भूमि पूजन भी करेंगे। नेपाल के बुद्ध विश्व विद्यालय की ओर से पीएम मोदी को डॉक्ट्रेट की उपाधि भी दी जाएगी। नेपाल का लुंबिनी बौद्ध धर्म के नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इसी स्थान पर गौतम बुद्ध (Gautam buddha) का जन्म हुआ था। मायादेवी मंदिर गौतम बुद्ध की ही माता का मंदिर है। इस स्थान को देखने दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। इस स्थान का महत्व देखते हुए यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। बुद्ध से जुड़े और भी कई स्थान लुंबिनी में देखे जा सकते हैं। आगे जानिए पीएम मोदी जिस मायादेवी मंदिर में पूजा करने जा रहे हैं, उससे जुड़ी खास बातें…

1896 में खोजा गया था ये मंदिर
- लुंबिनी का मायादेवी मंदिर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र है। ये मंदिर गौतम बुद्ध की माता को समर्पित है। यह मंदिर पुष्करणी नाम से पवित्र कुंड और बगीचे के पास बना है।
- इस मंदिर को दुनिया का सबसे पहला बौद्ध तीर्थस्थल कहा जाता है, क्योंकि यह स्थान बौद्ध संरचनाओं का सबसे पहला प्रमाण है। 
- सन 2013 में मंदिर के नीचे खुदाई करने वाली टीम ने 550 ईसा पूर्व से पहले के एक प्राचीन मंदिर के अवशेषों का पता लगाया था। 
- इस मंदिर की खोज सबसे पहले 1896 में की गई थी। वर्तमान में जो मंदिर यहां दिखाई देता है उसका निर्माण लुम्बिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट ने करवाया है।
- इस स्थान से प्राप्त हुए सबसे पुराने अवशेष ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी की सम्राट अशोक द्वारा निर्मित ईंट की इमारत थीं, परन्तु 2013 में ईसा पूर्व छठी शताब्दी के लकड़ी से बने मंदिर की ख़ोज हुई।

कैसे पहुचें?
भारत से अगर आप लुंबिनी जाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा माध्यम है ट्रेन। ये आपको गोरखपुर तक पहुंचाएगी। इसके आगे आप लुंबिनी तक कनेक्टिंग बस पकड़ सकते हैं। लुंबिनी का निकटतम हवाई अड्डा 22 किमी दूर भैरहवा (सिद्धार्थ नगर के नाम से भी जाना जाता है) में है। काठमांडू से हवाई अड्डे के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। यहां से आप लुंबिनी आसानी से पहुंच सकते हैं।
 

ये भी पढ़ें...

Gautam Buddha Quotes: गौतम बुद्ध के 8 विचार जो बदल सकते हैं आपका जीवन और बचा सकते हैं परेशानियों से

Buddha Purnima 2022: ये है सिद्धार्थ के गौतम बुद्ध बनने की पूरी कहानी, इन घटनाओं ने बदल दिया उनका जीवन

Buddha Purnima 2022: बुद्ध की धरती स्पर्श करती मुद्रा में छिपा है गहरा रहस्य, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

Share this article
click me!