
उज्जैन. लुंबिनी में ही पीएम मोदी लुम्बिनी में बनने वाले बौद्ध मठ का शिलान्यास भी करेंगे। बताया जा रहा है ये मठ अन्य देशों के मठों की तुलना में काफी बड़ा होगा। इसकी लागत लगभग 1 अरब रूपए बताई जा रही है। इसका निर्माण भारत सरकार के अधीन संस्था अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा करवाया जाएगा। इस बौद्ध मठ में भगवान बुद्ध का मंदिर, बौद्ध गुरुओं के ठरहने की व्यवस्था, चिकित्सा, ध्यान हाल का निर्माण होगा। आगे जानिए नेपाल का लुंबिनी किस तरह गौतम बुद्ध के पवित्र स्थानों में से एक है…
क्यों खास है लुंबिनी?
- इतिहासकारों और प्राप्त ग्रंथों से पता चलता है कि गौतम बु्द्ध का जन्म नेपाल के इसी स्थान पर हुआ था। उनके पिता शुद्धोधन यहीं के राजा थे।
- यह स्थान नेपाल की तराई में नौतनवां रेलवे स्टेशन से 25 किलोमीटर और गोरखपुर-गोंडा लाइन के नौगढ़ स्टेशन से करीब 12 किलोमीटर दूर है।
- बु्द्ध की माता मायादेवी का एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर भी यहां स्थित है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से बु्द्ध के अनुयायी यहां आते हैं। इस मंदिर को यूनेस्कों ने विश्व विरासत सूची में शामिल किया है।
- सम्राट अशोक का एक स्तंभ अवशेष के रूप में लुंबिनी में दिखाई देता है। जो इस बात की गवाही देता है कि भगवान बुद्ध का जन्म यहां हुआ था।
- इस स्तंभ के अलावा एक समाधि स्तूप में बुद्ध की एक मूर्ति है। नेपाल सरकार ने भी यहां पर दो स्तूप और बनवाए हैं।
- लुंबिनी में और भी कई पुराने मंदिर हैं। कई स्मारक, मठ और एक म्यूजियम भी लुंबिनी स्थित अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान में है।
- पीएम मोदी इसी मठ का शिलान्यास आज करने जा रहे हैं। ये स्थान बौद्ध के जीवनकाल से जुड़ा है, इसलिए इसका महत्व काफी अधिक है।
कैसे पहुचें?
लुंबिनी जाने के लिए सबसे अच्छा माध्यम है ट्रेन। ये आपको गोरखपुर तक पहुंचाएगी। इसके आगे आप लुंबिनी तक कनेक्टिंग बस पकड़ सकते हैं। लुंबिनी का निकटतम हवाई अड्डा 22 किमी दूर भैरहवा (सिद्धार्थ नगर के नाम से भी जाना जाता है) में है। काठमांडू से हवाई अड्डे के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। यहां से आप लुंबिनी आसानी से पहुंच सकते हैं।