Diwali 2022: दीपावली की रात आप भी करते हैं ये 1 काम तो हो जाइए सावधान?

Diwali 2022: दीपावली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। हर कोई इस त्योहार को अच्छे तरीके से मनाना चाहता है। इस त्योहार से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं भी हैं। समय के साथ इन परंपराओं में परिवर्तन जरूर हुआ है।
 

Manish Meharele | Published : Oct 16, 2022 9:43 AM IST / Updated: Oct 16 2022, 03:17 PM IST

उज्जैन. इस बार दीपावली (Diwali 2022) 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। इसे हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हर कोई व्यक्ति चाहता है कि देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसके घर में निवास करे, इसके लिए वह घर का रंग-रोगन करता और पूरे घर को रोशनी और दीपकों से सजाता है। इस त्योहार से जुड़ी कई परंपराएं इसे खास बनाती है। बहुत से लोग दीपावली की रात जुआं खेलते हैं। लोग इसे परंपरा से जोड़ते हैं जो कि गलत है। 

क्या है दीपावली की रात जुआं खेलने की वजह?
कुछ लोगों का मानना है कि दीपावली की रात भगवान शिव और पार्वती ने जुआं खेला था। इसलिए इसे शुभ कार्य माना जाता है जबकि जुआ एक सामाजिक बुराई है। हालांकि किसी भी ग्रंथ में शिव-पार्वती के जुआ खेलने का प्रमाण नहीं मिलता। कुछ लोगों ने इसे परंपरा के नाम से जोड़कर भ्रमित किया हुआ है। दीपावली पर्व देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का दिन है न कि जुएं जैसी सामाजिक बुराई के परंपरा से जोड़ने का। इसलिए दीपावली की रात भूलकर भी जुआं नहीं खेलना चाहिए।

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जुएं के कारण पांडवों को जाना पड़ा वनवास
महाभारत के अनुसार, पांडवों और कौरवों के बीच हस्तिनापुर की राजसभा में जुआं खेला गया था, उस समय कौरवों की ओर से शकुनि ने छल पूर्वक खेलते हुए पांडवों को हरा दिया था। इस जुएं में पांडव अपना सबकुछ हार गए थे। तब उन्हें शर्त के मुताबिक 13 साल के वनवास पर जाना पड़ा।

बलराम ने किया था रुक्मी का वध
श्रीमद्भागत के अनुसार, रुक्मी भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी का भाई था। एक बार किसी विवाह समारोह में बलराम और रुक्मी जुआं खेल रहे थे। इस दौरान रुक्मी पराजित होने के बाद भी खुद को विजयी बताने लगा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। ये देखकर बलराम को क्रोध आ गया और उन्होंने रुक्मी का वध कर दिया। इस तरह विवाद समारोह में जुएं के कारण बड़ा विवाद हो गया।

राजा नल को भी होना पड़ा परेशान
प्राचीन समय में राजा नल और उनकी पत्नी दमयंती बड़े प्रेम पूर्वक रहते थे। राजा नल को जुएं को शौक था। एक दिन उनके प्रतिद्वंदी ने छल से उन्हें हरा दिया, जिसके चलते उन्हें अपना राज-पाठ छोड़कर वन में भटकना पड़ा और अपनी प्रिय पत्नी से विछोह भी सहना पड़ा। इसलिए जुएं को सामाजिक बुराई कहा गया है।


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