3 अप्रैल को इस आसान विधि से करें जवारे विसर्जन, ये हैं शुभ मुहूर्त

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि वासंतीय नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।

उज्जैन. इस तिथि के अगले दिन यानी दशमी तिथि (3 अप्रैल, शुक्रवार) को नवरात्रि के पहले दिन स्थापित किए गए जवारे विधि-विधान पूर्वक विसर्जन किए जाते हैं। विसर्जन के पूर्व माता भगवती तथा जवारों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ये पूजन विधि इस प्रकार है-

पूजा विधि
-जवारे विसर्जन के पहले भगवती दुर्गा का गंध, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें-
रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

Latest Videos

-इस प्रकार प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर जवारे का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

इस प्रकार विधिवत पूजा करने के बाद जवारे का विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन जवारों को फेंकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक जवारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। जिस पात्र में जवारे बोए गए हों, उसे तथा इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रृद्धापूर्वक विसर्जन कर दें।

ये हैं शुभ मुहूर्त

Share this article
click me!

Latest Videos

Astro Tips: धन लाभ के लिए घर में रोज कहां लगाएं 1 दीपक?
बदल गया दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम, जानें क्या है नया नाम? । Birsa Munda Chowk
जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग