ईस्टर संडे आज, यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी में मनाया जाता है ये उत्सव

Published : Apr 12, 2020, 09:08 AM IST
ईस्टर संडे आज, यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी में मनाया जाता है ये उत्सव

सार

इस बार 12 अप्रैल को ईस्टर संडे है। ये ईसाइयों का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है।

उज्जैन. ईसाई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु पुनर्जीवित हो गए थे। इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग ईस्टर दिवस, ईस्टर रविवार या संडे के रूप में मनाते हैं।
ईस्टर संडे, गुड फ्राईडे के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है। ईस्टर खुशी का दिन होता है। ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर रविवार के पहले सभी गिरजाघरों में रात्रि जागरण तथा अन्य धार्मिक परंपराएं पूरी की जाती है तथा असंख्य मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु में अपने विश्वास प्रकट करते हैं।

यहां हुआ था यीशु का जन्म
बेतलेहेम दुनियाभर के ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र और खास जगह मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, यह वहीं शहर है जहां भगवान यीशु का जन्म हुआ था। यह शहर यरूशलेम से मात्र 5 कि.मी. की दूरी पर है। बेतलेहेम का चर्च ऑफ द नेटिविटी को दुनिया के सबसे प्राचीन चर्चों में से एक माना जाता है।

339 में हुई थी इस चर्च की स्थापना
यह चर्च खास होने के साथ-साथ बहुत ही सुंदर भी है, जिसके कारण से हर समय यात्रियों के आकर्षण का कारण बना रहता है। इसकी स्थापना 339 ईस्वी में की गई थी, जो किसी ने नष्ट कर दिया था। कुछ सालों बाद यहां पहले से भी बड़े चर्च का निर्माण किया गया, जो आज मौजूद है। चर्च में एक जगह पर संगमरमर की फर्श पर एक चांदी का सितारा बना है, जिसमें 14 गोल आकृतियां उभरी हुई हैं। माना जाता है कि ठीक इसी जगह पर भगवान यीशु का जन्म हुआ था।

 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 9 दिसंबर 2025: चंद्रमा बदलेगा राशि, जानें राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय