Ganesh Utsav 2022: श्रीराम ने की थी इस गणेश मंदिर की स्थापना, यहां आज भी है लक्ष्मण द्वारा बनाई गई बावड़ी

Ganesh Utsav 2022: इस समय पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। हर कोई भगवान श्रीगणेश के आगमन की खुशियां मना रहा है। इस दौरान प्रमुख गणपति मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

Manish Meharele | Published : Sep 1, 2022 5:57 AM IST / Updated: Sep 02 2022, 12:14 PM IST

उज्जैन. हमारे देश में भगवान श्रीगणेश के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन सभी के अलग-अलग मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। भगवान श्रीगणेश का ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इसे चिंतामन गणेश (Chintaman Ganesh Temple Ujjain) के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इनके दर्शन से सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा भी कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी अन्य खास बातें…

ये हैं इस मंदिर से जुड़ी कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वनवास काल के दौरान जब भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां से गुजरे तो सीता को बहुत जोरों से प्यास लगी। तब श्रीराम ने लक्ष्मण से पानी लाने को कहा, लेकिन उन्होंने पानी लाने से इंकार कर दिया। पहली बार लक्ष्मण द्वारा किसी काम को मना करने से श्रीराम को बड़ा आश्चर्य हुआ। तब उन्हें समझ आया कि इसमें लक्ष्मण की कोई गलती नहीं है बल्कि इस भूमि में ही कोई दोष है। तब उन्होंने इस स्थान पर भगवान चिंतामन गणेश की स्थापना की। इसके बाद लक्ष्मण ने यहां तीर चलाकर भूमि से पानी निकाला। आज भी मंदिर के सामने एक बावड़ी स्थित है, जिसे लक्ष्मण बावड़ी कहा जाता है।

यहां 1 नहीं 3 गणपति हैं विराजमान
मंदिर में एक साथ तीन गणपति चिंतामन, इच्छामन और सिद्धिविनायक स्थित हैं। कहा जाता है कि इनकी सच्ची प्रार्थना करने से ये व्यक्ति की सारी चिंताएं हर लेते हैं। वर्तमान मंदिर 9वी शताब्दी का बताया जाता है। बुधवार को यहां श्रृद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। चैत्र मास के प्रत्येक बुधवार को यहां जत्रा निकलती है। उज्जैन और इसके आस-पास के क्षेत्रों में जब भी किसी परिवार में कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि होता है तो सबसे पहले चिंतामन गणेश भगवान को ही आमंत्रण दिया जाता है।

कैसे पहुचें?
भोपाल-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर स्थित उज्जैन एक धार्मिक नगरी है। मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर से उज्जैन सिर्फ 55 किलोमीटर दूर है। प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए बसें आसानी से मिल जाती हैं।

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