Ganesh Utsav 2022: भारत नहीं इस देश में है श्रीगणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा, लाल किला भी छोटा है इसके आगे

Ganesh Utsav 2022: भगवान श्रीगणेश एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा देश ही बल्कि विदेश में भी होती है। विदेश में भी श्रीगणेश के कई विशाल मंदिर हैं जहां रोज हजारों भक्त माथा टेकने जाते हैं। गणेश उत्सव के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है।
 

Manish Meharele | Published : Sep 4, 2022 9:51 AM IST

उज्जैन. वैसे तो हमारे देश में भगवान श्रीगणेश के अनेक प्राचीन मंदिर हैं, इन सभी से कोई-न कोई मान्यता और परंपरा जुड़ी हुई है। गणेश उत्सव के दौरान यहां भक्तों की खासी भीड़ उमड़ती है। भगवान श्रीगणेश की पूजा सिर्फ भारत ही नहीं अन्य देशों जैसे- थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, जापान आदि में भी होती है। यहां श्रीगणेश के कई प्रसिद्ध मंदिर है। श्रीगणेश की सबसे बड़ी प्रतिमा भी भारत में नहीं बल्कि विदेश में स्थित है। गणेश उत्सव के खास मौके पर हम आपको दुनिया की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा के बारे में बता रहे हैं।

यहां स्थित है श्रीगणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा (tallest statue of lord Ganesha) 
भगवान श्रीगणेश जी की सबसे ऊंची प्रतिमा थाईलैंड के ख्लॉंग ख्वेन (Thailand's Khlong Khuen) शहर के एक पार्क में स्थित है। गणेशजी की ये प्रतिमा 39 मीटर ऊंची है और इसे कांसे से बनाया गया है। ये प्रतिमा लाल किले से भी अधिक ऊंची है, लाल किले के ऊंचाई लगभग 33 मीटर है। थाईलैंड के जिस शहर में ये प्रतिमा स्थापित है उसे चचोएंगसाओ (chachoengsao) और 'सिटी ऑफ गणेश' (City of Ganesh) के नाम से जाना जाता है। यह शहर बैंकॉक से लगभग 80 किमी दूर है। गणेशजी की यह प्रतिमा बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है, यह साल 2012 में ही बनकर तैयार हुई थी। इस मूर्ति को कांसे के 854 अलग-अलग हिस्सों से मिला कर बनाया गया है।

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ऐसा है प्रतिमा का स्वरूप
श्रीगणेश की इस प्रतिमा के सिर पर कमल का फूल और उसके बीच में ओम का चिह्न है। गणेशजी के पेट पर सांप लपेटा हुआ है और सूंड में एक लड्डू है। मूर्ति में गणेश जी के हाथों में कटहल, आम, गन्ना और केला दर्शाया गया है। इन सभी फलों को थाईलैंड में पवित्र कामों में उपयोग किया जाता है। उनके हाथ और पैरों में आभूषण हैं और उनके पैरों के निकट उनका वाहन मूषक यानी चूहा भी है।

भाग्य के देवता हैं श्रीगणेश
भगवान श्रीगणेश की इस विशाल प्रतिमा को थाईलैंड की राजकुमारी द्वारा स्थापित करवाया गया था क्योंकि थाईलैंड में गणेशजी की पूजा भाग्य और सफलता के देवता के रूप में की जाती है। थाईलैंड में श्रीगणेश को 'फ्ररा फिकानेत' (fra fikanet) के रूप में पूजा जाता है। नए व्यवसाय और शादी आदि खास अवसरों पर उनकी पूजा मुख्य रूप से की जाती है। गणेश चतुर्थी के साथ ही वहां गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 

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