Gupt Navratri 2022: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध हैं ये 4 श्मशान, इनमें से 3 स्थानों पर शक्तिपीठ भी है

माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) 2 फरवरी से शुरू हो चुकी है, जो 10 फरवरी तक रहेगी। इस नवरात्रि में प्रलय एवं संहार के देवता महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। साथ ही उनके गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना भी की जाती है।

उज्जैन. यह साधनाएं बहुत ही गुप्त स्थान पर या किसी सिद्ध श्मशान में की जाती हैं। तंत्र क्रियाओं के लिए भारत में 4 श्मशान बहुत विशेष माने गए हैं। पहला हैं तारापीठ का श्मशान (पश्चिम बंगाल), दूसरा कामाख्या पीठ (असम) का श्मशान, तीसरा त्रयंबकेश्वर (नासिक) और चौथा उज्जैन स्थित चक्रतीर्थ श्मशान। गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में साधक दूर-दूर से यहां साधनाएं करने आते हैं। खास बात ये है कि इन 4 स्थानों में से 3 में शक्तिपीठ स्थापित है। 

1. तारापीठ (Tarapith)
यह मंदिर पश्चिम बंगाल के वीर भूमि जिले में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। इसलिए इस स्थान को नयन तारा भी कहा जाता है। तारापीठ 52 शक्तिपीठों के अन्तर्गत माना गया है। तारापीठ मंदिर का प्रांगण श्मशान घाट के निकट है, इसे महाश्मशान घाट के नाम से जाना जाता है। यहां आने पर लोगों को किसी प्रकार का भय नहीं लगता है। मंदिर के पास ही द्वारका नदी बहती है। इस पीठ में तांत्रिकों को शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है, ऐसा साधकों की मान्यता है।

2. कामाख्या शक्तिपीठ (Kamakhya Peeth)
असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है व इसका तांत्रिक महत्व है। पूर्वोत्तर के मुख्य द्वार कहे जाने वाले असम राज्य की राजधानी दिसपुर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलांचल अथवा नीलशैल पर्वतमालाओं पर स्थित मां भगवती कामाख्या का सिद्ध शक्तिपीठ सती के प्रमुख शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान रखता है। यहीं भगवती की महामुद्रा (योनि-कुण्ड) स्थित है। यह स्थान तांत्रिकों के लिए स्वर्ग के समान है। यहां स्थित श्मशान में भारत के विभिन्न स्थानों से तांत्रिक तंत्र सिद्धि प्राप्त करने आते हैं।

Latest Videos

3. बनारस (Banaras)
प्रयागराज का श्मशान घाट बहुत ही प्राचीन है। अनेक तांत्रिक और अघोर साधु इसी स्थान पर रहकर तंत्र साधना करते हैं। ये स्थान देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां मुर्दे की राख से होली खेलने की परंपरा है, जो सदियों से निभाई जा रही है। गुप्त नवरात्रि में यहां तांत्रिकों का जमावड़ा लगता है।

4. उज्जैन (Ujjain)
ये स्थान सप्तपुरियों में से एक है। यहां ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) के साथ-साथ हरसिद्धि (Harsiddhi) शक्तिपीठ भी है। एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। दक्षिण दिशा यम की मानी गई है। इसलिए इस शहर का श्मशान तंत्र सिद्धियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान कालभैरव कोतवाल के रूप में पहरा देते हैं और शराब का भोग ग्रहण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि उज्जैन का श्मशान भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित है। इसलिए इसे चक्रतीर्थ कहते हैं। गुप्त नवरात्रि में यहां दूर-दूर से साधक आते हैं।

 

ये भी पढ़ें...

Gupt Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि में सिद्धियां पाने के लिए करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, ध्यान रखें ये बातें

Gupt Navratri 2022: गुप्त सिद्धियां पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में की जाती है इन 10 महाविद्याओं की पूजा

Vasant Panchami 2022: वसंत पंचमी 5 फरवरी को, इस दिन करें देवी सरस्वती पूजा, ये हैं विधि, शुभ मुहूर्त और आरती

Vasant Panchami पर विशेष रूप से क्यों किया जाता है देवी सरस्वती का पूजन, जानिए महत्व व शुभ मुहूर्त

तिथि घटने के बाद भी 9 दिनों की रहेगी गुप्त नवरात्रि, बन रहा है सुख-समृद्धि बढ़ाने वाला संयोग

Share this article
click me!

Latest Videos

Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से केजरीवाल-सोरेन के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
'फिर कह रहा रामायण पढ़ाओ' कुमार विश्वास की बात और राजनाथ-योगी ने जमकर लगाए ठहाके #Shorts
Arvind Kejriwal की Sanjeevani Yojana और Mahila Samman Yojana पर Notice जारी, क्या है मामला
LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?