सार
हिंदू धर्म के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इनमें से 2 प्रकट और 2 गुप्त नवरात्रि होती है। इस बार 2 से 10 फरवरी तक माघ माघ की गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा प्रमुख रूप से की जाती है।
उज्जैन. गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में तामसिक पूजा से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है साथ ही गुप्त सिद्धियां भी प्राप्त की जाती है। गुप्त नवरात्रि में सिद्धियां पाने के लिए मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है। ये 10 महाविद्याएं बहुत ही चमत्कारी हैं। इनकी पूजा से हर तरह की मनोकामनाएं पूरी की जा सकती है। आगे जानिए इन दस विद्याएं के बारे में…
1. काली
सभी 10 महाविद्याओं में काली को प्रथम रूप माना जाता है। माता दुर्गा ने राक्षसों का वध करने के लिए माता ने यह रूप धारण किया था। सिद्धि प्राप्त करने के लिए माता के इस रूप की पूजा की जाती है।
2. तारा
सर्वप्रथम महर्षि वशिष्ठ ने देवी तारा की आराधना की थी। यह तांत्रिकों की मुख्य देवी हैं। देवी के इस रूप की आराधना करने पर आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तारापीठ है इसी स्थान पर देवी तारा की उपासना महर्षि वशिष्ठ ने करके तमाम सिद्धियां हासिल की थी।
3. त्रिपुर सुंदरी
इन्हें ललिता, राज राजेश्वरी और त्रिपुर सुंदरी भी कहते हैं। त्रिपुरा में स्थित त्रिपुर सुंदरी का शक्तिपीठ है। यहां पर माता की चार भुजा और 3 नेत्र हैं। नवरात्रि में रुद्राक्ष की माला से ऐं ह्नीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं।
4. भुवनेश्वरी
पुत्र प्राप्ति के लिए माता भुवनेश्वरी की आराधना फलदायी मानी जाती है। यह शताक्षी और शाकम्भरी नाम से भी जानी जाती है। इस महाविद्या की आराधना से सूर्य के समान तेज ऊर्जा प्राप्ति होती है और जीवन में मान सम्मान मिलता है।
5. छिन्नमस्ता
इनका स्वरूप कटा हुआ सिर और बहती हुई रक्त की तीन धाराएं से सुशोभित रहता है। इस महाविद्या की उपासना शांत मन से करने पर शांत स्वरूप और उग्र रूप में उपासना करने पर देवी के उग्र रूप के दर्शन होते है।
6. भैरवी
भैरवी की उपासना से व्यक्ति सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। इनकी पूजा से व्यापार में लगातार बढ़ोतरी और धन सम्पदा की प्राप्ति होती है।
7. धूमावती
धूमावती माता की साधना से अभाव और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है। ये माता पार्वती का ही स्वरूप हैं। इनकी साधना तांत्रिकों द्वारा तो की ही जाती है। साधारण जन भी इनकी पूजा से कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
8. बगलामुखी
मां बगलामुखी स्तंभन की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी साधना से भय, शत्रु बाधा से मुक्ति पाप्त होती है। वाक् सिद्धि और राजनीतिक के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए इनकी आराधना की जाती है।
9. मातंगी
दस महाविद्याओं में से मां मातंगी नवीं महाविद्या हैं। शीघ्र विवाह, सुखी गृहस्थ जीवन की कामना से इनकी पूजा की जाती है। इनकी पूजा से गृहस्थ जीवन सुखमय होता है।
10. कमला देवी
ये परम सौभाग्य प्रदात्री हैं। मान्यता है कि इनकी उपासना से साधक को समृद्धि, धन, नारी, पुत्र की प्राप्ति होती है।
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