हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) के दूसरे यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि पर वसंतोत्सव यानी होली पर्व (Holi 2022) मनाया जाता है। जिसे धुरेड़ी (Dhuredi 2022) भी कहते हैं। इस बार ये उत्सव 18 मार्च, शुक्रवार को है।
उज्जैन. होली (Holi 2022) रंगों का त्योहार है, इस दिन बच्चे, बूढ़े, युवा, महिलाएं सभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग ऊंच-नीच, जाति-धर्म की दीवार तोड़कर सिर्फ मस्ती के रंग में रंग जाते हैं। सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में होली से मिलते-जुलते त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों की मान्यताएं और परंपराएं भले ही अलग हो, मगर उद्देश्य एक ही होता है। होली के अवसर पर जानिए किस देश में कैसे मनाया जाता है होली से मिलते-जुलते त्योहार…
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थाईलैंड में सोंगक्रान
13 से 15 अप्रैल तक थाईलैंड में सोंगक्रान मनाया जाता है। इस पर्व में एक-दूसरे पर सुगंधित इत्र और पानी डाला जाता है।
दक्षिण कोरिया में मड फेस्टिवल
दक्षिण कोरिया के बोरियांग में मड फेस्टिवल मनाया जाता है। इस पर्व में लोग समुद्र किनारे इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे को साथ कीचड़ में खेलते हैं। इस बार ये पर्व 16 जुलाई से शुरु होगा।
स्पेन में ला टोमाटीना
स्पेन में 13 अगस्त को विश्व प्रसिद्ध टोमेटो फेस्टिवल मनाया जाएगा। इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को टमाटर से मारते हैं। हर साल अगस्त के अंतिम बुधवार को ये उत्सव मनाया जाता है।
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पौलेंट में वेट मंडे
पौलेंड में ईस्टर संडे के बाद मंडेको वेट मंडे फेस्टिवल मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर पानी डालते हैं।
म्यांमार में वाटर फेस्टिवल
थाईलैंड की तरह ही म्यांमार में भी 13 से 16 अप्रैल तक थिंग्यान वाटर फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है।
स्वीडन नार्वे
सैंट जॉन की पवित्र तिथि पर लोग इकट्ठे होकर अग्नि क्रीड़ा महोत्सव करते हैं। शाम को किसी प्रमुख स्थान पर आग जलाकर लोग नाचते-गाते हैं और इसकी परिक्रमा करते हैं।
साइबेरिया
ग्रीष्म ऋतु के आगमन से पूर्व बालक घर-घर जाकर लकडिय़ां इकट्ठी करते हैं और आग लगा देते हैं। स्त्री-पुरुष एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तीन बार अग्नि की परिक्रमा कर उसको लांघते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से वर्ष भर बुखार नहीं आता।
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फ्रांस
फ्रांस के नारमंडी नामक स्थान में घास से बनी हुई मूर्ति को शहर में घुमाकर गाली तथा भद्दे शब्द बकते हुए आग लगा देते हैं। बच्चे हो-हल्ला करते हुए इसके चक्कर लगाते हैं।
जर्मनी
ईस्टर के समय में पेड़ों को काटकर गाड़ दिया जाता है। उसके चारों ओर लकड़ी व घास का ढेर लगा देते हैं और उसमें आग लगा देते हैं। उस समय एक-दूसरे के मुंह पर रंग लगाते हैं और कपड़ों पर ठप्पा लगाकर हंसते हैं।
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