कोरोना काल में नहीं कर पा रहे मृतक परिजन का उत्तर कार्य तो रखें इन बातों का ध्यान

वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। भारत में इसके कारण कई लोग असमय ही काल के गाल में समा चुका हैं। लॉकडाउन व अन्य पाबंदियों के कारण लोग समय पर अपने दिवंगत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए उचित पूजा-पाठ भी नहीं करवा पा रहे हैं। तीर्थ स्थानों पर भी पूजा-पाठ करवाने वाले पंडितों के न होने से समस्या बनी हुई है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2021 3:21 AM IST / Updated: Apr 30 2021, 11:19 AM IST

उज्जैन. वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। भारत में इसके कारण कई लोग असमय ही काल के गाल में समा चुका हैं। लॉकडाउन व अन्य पाबंदियों के कारण लोग समय पर अपने दिवंगत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए उचित पूजा-पाठ भी नहीं करवा पा रहे हैं। तीर्थ स्थानों पर भी पूजा-पाठ करवाने वाले पंडितों के न होने से समस्या बनी हुई है। इस स्थिति में ऐसा क्या करना चाहिए कि मृत परिजनों की आत्मा को शांति मिल सके, जानिए उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट से…

1. तेरह दिन तक रोज दक्षिण दिशा में अपने दिवंगत हो चुके प्रियजन के लिए तिल के तेल दीपक प्रज्जवलित करें।
2. 13 दिन तक रोज कुतपकाल में (दोपहर 11:35 से 12:35) के बीच गाय को रोटी, शाक, हरा चारा खिलाने से श्राद्ध की पूर्णता होती है।
3. हिंदू धर्म में मृत्यु के 10वें दिन मृतक का दशाकर्म किया जाता है। इसमें पिंडदान, श्राद्ध आदि नदी के तट पर किए जाते हैं। अगर ऐसा न कर पाएं तो घर पर ब्राह्मण को बुलाकर उसके मार्गदर्शन में पूजा-पाठ कर सकते हैं।
4. अगर ये काम भी संभव न हो तो कुतपकाल में खुले आकाश के नीचे जाकर प्रार्थना करें- हे मेरे प्रियजन। विपरीत परिस्थिति के कारण मैं आपका उत्तर कार्य करने में असमर्थ हूं। लेकिन मेरे पास आपके निमित्त श्रद्धा व भक्ति है। मैं इन्हीं के द्वारा आपको संतुष्ट करना चाहता हूं आप मेरी श्रद्धा व भक्ति से ही तृप्त हों। ऐसा विष्णु पुराण में लिखा है।
5. दिवंगत प्रियजन की मृत्यु के तेरहवें दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़ा आदि चीजों का दान करें। ब्राह्मण भोजन करवाएं, अगर संभव न हो तो किसी ब्राह्ण के घर कच्चा भोजन जैसे आटा, दाल, चावल, घी आदि चीजें भिजवा दें।
6. उचित समय आने पर यानी कोरोना काल निकल जाने पर मृतक की आत्मा की शांति के लिए तीन वर्ष के अंदर नारायण बलि कर्म अवश्य करवाएं। इससे सभी प्रकार के दोषों का नाश हो सकता है।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे।

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