कबीर जयंती 5 जून को, इनके दोहों में छिपे हैं लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र

5 जून, शुक्रवार को संत कबीर जयंती है। कबीर सिर्फ एक संत ही नहीं बल्कि विचारक और समाज सुधारक भी थे। ये बात उनके दोहों में साफ झलकती है। उन्होंने अपने दोहों के जरिए जीवन की कई सीख दी हैं।

उज्जैन. उनकी बातें जीवन में सकारात्मकता लाती हैं। हम बता रहे हैं कबीर के ऐसे दोहे जो आपके जीवन में कुछ अच्छा करने का भाव जगाएंगे।

1. अपने को परखो दूसरों को नहीं
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

Latest Videos

कबीर कहते हैं मानव की सबसे बड़ी गलतफहमी है कि हर किसी को लगता है कि वो गलत नहीं है। यह दोहा हमारा व्यवहार हमें बता रहा है। ये दोहा कहता है कि जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला। पर जब मैंने अपने मन में झांककर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है। यानी हमें लोगों को परखने के बजाए खुद का आंकलन करना चाहिए।

2. बात के अर्थ को ग्रहण करें
साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

इस दोहे में कहा गया है कि सज्जन व्यक्ति को ऐसा होना चाहिए जैसे अनाज साफ करने वाला सूप होता है। जो सार्थक तत्व को बचा लेता है और निरर्थक को भूसे के रूप में उड़ा देता है। यानी ज्ञानी वही है जो बात के महत्व को समझे उसके आगे पीछे के विशेषणों से प्रभावित ना हो और इधर-उधर की बातों में उलझने के बजाए सिर्फ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दे।

3. कोई भी इंसान छोटा नहीं होता
तिनका कबहुं ना निन्दिये, जो पांवन तर होय,
कबहुं उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।

इस दोहे के अनुसार एक छोटे से तिनके को भी कभी बेकार ना कहो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब होता है, क्योंकि यदि कभी वह उड़कर आंख में आ गिरे तो गहरी पीड़ा देता है। यानी कबीर ने स्पष्ट बताया है कि छोटे-बड़े के फेर में नहीं पड़ना चाहिए। मनुष्य को सभी इंसानों को उनके जाति और कर्म से ऊपर उठकर सम्मान की दृष्टि से देखना ही सार्थक है।

4. संतोषी परम सुखी
चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह,
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह।

कबीर जी कहते हैं इस जीवन में जिस किसी भी व्यक्ति के मन में लोभ नहीं, मोह माया नहीं, जिसको कुछ भी खोने का डर नहीं, जिसका मन जीवन के भोग विलास से बेपरवाह हो वही सही मायने में राजा है। मतलब लालच करने वाला कभी ना सुखी होता है ना संतुष्ट और न ही कामयाब। धरती पर सभी कष्टों की जड़ लोभ है, इसके मिटते ही चिंता भी समाप्त हो जाती है और शांति स्वमेव आने लगती है।

5. सही समय की प्रतीक्षा करें
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

कबीर दास जी कहते हैं कि संसार में हर चीज धीरे धीरे से पूरी होती है। माली बार बार पौधे को सींचता है पर फल तभी आते हैं जब उसकी ऋतु आती है। यानी जीवन में हर चीज अपने समय पर होती है व्यर्थ की कोशिश और जिद्द से कोई लाभ नहीं होता।

Share this article
click me!

Latest Videos

झांसी ने देश को झकझोरा: अस्पताल में भीषण आग, जिंदा जल गए 10 मासूम
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
समाजवादी पार्टी का एक ही सिद्धांत है...सबका साथ और सैफई परिवार का विकास #Shorts
झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah