शीशा, दर्पण या मिरर हर घर में होता है। इसके साथ ही घर पर कांच की अन्य बहुत-सी चीजें भी होती हैं। कई बार अचानक या किसी कारण से कांच की चीजें टूट जाती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इसके टूटने के पीछे शुभ व अशुभ संकेतों के बारे में सोच-विचार में पड़ जाते हैं। प्राचीन काल से ही शीशे के टूटने से जुड़ी कई मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं।
उज्जैन. शीशा, दर्पण या मिरर हर घर में होता है। इसके साथ ही घर पर कांच की अन्य बहुत-सी चीजें भी होती हैं। कई बार अचानक या किसी कारण से कांच की चीजें टूट जाती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इसके टूटने के पीछे शुभ व अशुभ संकेतों के बारे में सोच-विचार में पड़ जाते हैं। प्राचीन काल से ही शीशे के टूटने से जुड़ी कई मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं। आगे जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें…
शुभ या अशुभ संकेत
वास्तु के अनुसार, घर पर पड़ी कांच की कोई चीज या शीशा बहुत ही मायने रखता है। माना जाता है कि कांच के टूटने से घर-परिवार पर कोई बहुत बड़ा संकट आने की ओर संकेत करता है। मगर इसके विपरित कुछ लोगों का कहना हैं कि इससे कोई मुसीबत आने से टल जाती है यानि शीशा अपने ऊपर सारी परेशानी लेकर टूट जाता है। ऐसे में परिवार सुरक्षित रहता है।
कांच के टूटने पर क्या करें?
वास्तु के अनुसार, अगर किसी से कांच टूट जाए तो उसे किसी बाग में बने कुंड में अपना प्रतिबिम्ब यानि परछाई देखनी चाहिए। ऐसा करने से कांच के टूटने पर हुआ अपशगुन का प्रभाव खत्म हो व्यक्ति के सिर पर पड़ा संकट दूर हो जाता है।
घर में नहीं रखना चाहिए टूटा शीशा
अक्सर लोग कांच के टूटने के बाद भी उसे यूज करते हैं या फिर उसे फेंकने की जगह घर पर पड़ा रहने देते हैं। मगर घर पर पड़ा टूटा कांच होना अशुभ होता है। यह शीशा घर पर नकारात्मक ऊर्जा फैलाने का काम करता है। असल में, टूटा कांच घर पर आने वाली मुसीबत को अपने ऊपर ले लेता है। ऐसे में उसे टूटने के तुरंत बाद घर से बाहर निकाल देना चाहिए। नहीं तो इससे आपको दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
इन चीजों का रखें ख्याल
1. कभी भी गोल या अंडाकार शीशे को न खरीदें। इससे घर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक में बदल जाती है।
2. घर पर हमेशा चौकोर आकार का ही शीशा लगाए।
3. शीशे का फ्रेम ज्यादा भड़कीले रंग का नहीं होना चाहिए। हमेशा हल्का नीला, सफेद, क्रीम, हल्का भूरा आदि रंग का ही फ्रेम खरीदा चाहिए।
4. बेडरूप में बेड के पास शीशे को न लगाएं।