Life Management: जब साधु ने सिकंदर से कहा “तुम मेरे गुलाम के भी गुलाम हो” बात समझ आने पर सिकंदर हैरान रह गया

जो लोग हमारे गुस्से का शिकार होते हैं, वे हमसे डरने लगते हैं। दूर रहने लगते हैं। डर और प्यार कभी एक साथ नहीं रहता। लोग हमसे दूर होते हैं तो हम सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि उनके प्यार को भी खोते हैं। इसीलिए क्रोध को काबू कर लेना चाहिए।

उज्जैन. क्रोध जितना दूसरों के लिए घातक होता है, उतना हमारे लिए भी होता है। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है क्रोध करने से हमें कुछ भी हासिल नहीं होता बल्कि नुकसान ही उठाना पड़ता है। 

जब सिकंदर ने साधु को मारना चाहा
सिकंदर जब भारत आया तो वह कई साम्राज्य जीतने के बाद भी संतुष्ट नहीं था। उसे एक ज्ञानी संत की तलाश थी। वह चाहता था कि वह भारत से किसी ज्ञानी संत को अपने साथ ले जाए। कुछ लोगों के बताने पर वह अपनी फौज के साथ एक नागा साधु के पास पहुंचा।
सिकंदर ने देखा कि वह संत बिना कपड़ों के पेड़ के नीचे ध्यान कर रहा है। सिकंदर और उसकी फौज ने संत के ध्यान से बाहर आने तक इंतजार किया। जैसे ही संत का ध्यान टूटा सिकंदर ने संत को अपने साथ चलने को कहा।
संत ने जवाब दिया कि “तुम्हारे पास ऐसा कुछ भी नहीं है, जो तुम मुझे दे सको। जो मेरे पास न हो। मैं जहां हूं, जैसा हूं, खुश हूं। मुझे यहीं रहना है। मैं तुम्हारे साथ नहीं आ रहा।” 
सिकंदर ने संत से कहा कि “मुझे जवाब में नही सुनने की आदत नहीं है। आपको मेरे साथ आना ही होगा।”
इस पर संत ने जवाब दिया कि “तुम मेरी जिंदगी के फैसले नहीं ले सकते हो। मैंने फैसला किया है कि मैं यहीं रहूंगा तो मैं यहीं रहूंगा। तुम जा सकते हो।”
ये सुनकर सिकंदर गुस्से से आगबबूला हो गया। उसने अपनी तलवार निकाल ली और संत की गर्दन पर रख दी और बोला कि “अब बताओ, तुम्हें जिंदगी चाहिए या मौत”?
संत अपनी बात पर अड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि “अगर तुम मुझे मार दो तो अपने आपको फिर कभी एलेक्जेंडर द ग्रेट मत कहना, क्योंकि तुम्हारे में महान जैसी कोई बात नहीं है। तुम तो मेरे गुलाम के गुलाम हो।”
ये सुनकर सिकंदर को झटका लगा। वह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसने पूरी दुनिया को जीता है और एक साधु उसे अपने दास का दास बता रहा है। एलेक्जेंडर ने पूछा कि “तुम कहना क्या चाहते हो?’’
संत ने जवाब दिया कि “मैं जब तक नहीं चाहता, तब तक मुझे गुस्सा नहीं आता। गुस्सा मेरा गुलाम है। जबकि गुस्से को जब लगता है, वह तुम पर हावी हो जाता है। तुम अपने गुस्से के गुलाम हो। भले ही तुमने पूरी दुनिया को जीता हो, लेकिन रहोगे तो मेरे दास के दास।”
ये सुनकर सिकंदर दंग रह गया। उसने श्रद्धा के साथ संत के आगे सिर झुकाया। अपनी फौज के साथ वापस लौट गया।

लाइफ मैनेजमेंट
जो व्यक्ति क्रोध को काबू कर लेता है, वह जीवन में हमेशा सुखी रहता है। क्योंकि क्रोध में व्यक्ति दूसरे के साथ-साथ अपना भी नुकसान करता है।
 

 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk