Life Management: गुस्सैल युवक को पिता ने दिया एक काम, इसके बाद कम होने लगा उसका गुस्सा, कौन-सा था वो काम?

क्रोध में बोली गई बातें और किए गए काम हमेशा दुख का कारण ही बनते हैं, लेकिन फिर भी लोग इस बात को नहीं समझ पाते। शरीर के घाव तो फिर भी भर जाते हैं, लेकिन कड़वी बातों के घाव जीवन भर नहीं पाते।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2022 5:49 AM IST

उज्जैन.  क्रोध में कभी किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। लोग इन बातों को हमेशा याद रखते हैं। समय-समय पर वो बातें सामने आती रहती हैं। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है क्रोध में बोली गई कड़बी बातों के घाव कभी नहीं भरते।

जब गुस्सैल युवक को हुआ अपने किए पर पछतावा
किसी गाँव में एक लड़का रहता था। वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर लोगों को भला-बुरा कह देता। उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि, “अब जब भी तुम्हें गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और दीवार पर लगे लकड़ी के पटिए पर ठोक देना।”
पहले दिन उस लड़के को 40 बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें उसने लकड़ी के पटिए पर ठोंक दी। धीरे-धीरे कीलों की संख्या घटने लगी, उसे लगने लगा की कीलें ठोकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहुत हद तक काबू करना सीख लिया। फिर एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने पूरे दिन में एक बार भी गुस्सा नहीं किया।
जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने फिर उसे एक काम दे दिया। उन्होंने कहा कि, “अब हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस लकड़ी के पटिए से एक कील निकाल देना।”
लड़के ने ऐसा ही किया और कुछ ही दिनों में लकड़ी के पटिए पर लगी सभी कीलें निकाल दीं और अपने पिता को ख़ुशी से ये बात बतायी।
तब पिताजी उसे लकड़ी के पटिए के पास ले गए और बोले, “बेटे तुमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन क्या तुम इस लकड़ी में हुए छेदों को देख पा रहे हो। अब वो कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था। जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं।”
लड़के को अपनी गलती समझ आ चुकी थी। उसने भविष्य में फिर गुस्सा न करने का संकल्प लिया और जिन-जिन लोगों का दिल दुखाया थो उनसे माफी भी मांगी।

लाइफ मैनेजमेंट
कई बार लोग गुस्से में ऐसी बातें बोल जाते हैं जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। इसके लिए उन्हें बाद में पछतावा भी होता है, लेकिन वो बातें लोगों के दिल में बैठ जाती हैं। इससे आपकी इमेज भी खराब होती है।

 

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