अष्टमी तिथि 10 जनवरी को, इस दिन करें देवी दुर्गा की पूजा, दूर होंगी परेशानियां और मिलेंगे फायदे

धर्म ग्रंथों के अनुसार, अष्टमी तिथि की स्वामी देवी दुर्गा हैं। इसलिए हर महीने के शुक्लपक्ष में इस तिथि पर शक्ति पूजा और व्रत-उपवास करने का विधान पुराणों में बताया गया है। शक्ति पूजा के साथ नियम से व्रत या उपवास किया जाए तो सेहत भी अच्छा रहता है। इससे बीमारियां भी दूर होती हैं और उम्र बढ़ती है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2022 5:28 AM IST

उज्जैन. हर महीने मौसम में थोड़े बदलाव होते हैं, जिससे बीमारियों का संक्रमण होता है। इसलिए ऋषियों हर व्रत-उपवास की परंपरा बनाई। जिससे पाचन अच्छा रहता है और शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। इस बार 10 जनवरी, सोमवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी का योग बन रहा है।

पौष महीने में देवी आराधना
पौष महीने में शीत ऋतु होती है। इस महीने में बीमारियों से बचने के लिए सूर्य पूजा की जाती है। साथ ही पुराणों में इसके लिए देवी पूजा के लिए अष्टमी तिथि तय की गई है। पौष महीने में की गई शक्ति आराधना से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं। 2022 के पहले महीने में आने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी को शक्ति की आराधना जरूर करनी चाहिए ताकि सालभर मुश्किलों से लड़ने की ताकत मिले और देवी मां की कृपा हमेशा बनी रहे।

देवी की पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले उठें और पानी में गंगाजल डालकर नहाएं। चौक पूरकर लकड़ी के पटे पर पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए मूर्ति स्थापित करें। लाल या गुड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल और मिठाई से मां दुर्गा के सभी रूपों की पूजा करें।
- शक्ति की आराधना के लिए मंत्र जाप करें-
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

अष्टमी व्रत का महत्व
मान्यता है कि हर हिंदू मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहा जाता है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर मंी अष्टमी दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर खासतौर से देवी दुर्गा का पूजा और व्रत किया जाता है। ये मासिक अष्टमी शारदीय नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी और चैत्र नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली महाष्टमी या दुर्गाष्टमी से अलग है, जो देवी दुर्गा के भक्तों के महत्वपूर्ण दिन होता है।

 

ये खबरें भी पढ़ें...

Life Management: पानी में मेंढक को डालकर जब बर्तन स्टोव पर रखा गया तो इसके बाद क्या हुआ, क्या वो बाहर कूदा?

Life Management: किसान और कुत्ता घर पहुंचे, संत ने पूछा “कुत्ता हांफ क्यों रहा है?” किसान ये दिया ये जवाब

Life Management: आश्रम से सामान उठाकर चोर जाने लगा तो संत की नींद खुल गई…संत ने चोर को सामने देख क्या किया?

Life Management: खिलौने वाले के पास 3 एक जैसे पुतले थे, तीनों की कीमत अलग थी...क्या थी उन पुतलों की खासियत?

Life Management: सेठ लड़के की बुरी आदतों से परेशान था, संत ने उसे बुलाया और पौधे उखाड़ने को कहा…फिर क्या हुआ?

Share this article
click me!