Mahakal Lok Ujjain: उज्जैन पहुंचकर पीएम मोदी ने की महाकाल की पूजा, जनसभा को भी किया संबोधित

Mahakal Lok: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अक्टूबर, मंगलवार को उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम का ये पूरा कार्यक्रम 40 देशों में लाइ‌व दिखाया जाएगा। 
 

Manish Meharele | Published : Oct 11, 2022 4:30 AM IST / Updated: Oct 11 2022, 08:44 PM IST

उज्जैन. जगह- मध्य प्रदेश का उज्जैन। तारीख- 17 अक्टूबर 2022। समय- शाम लगभग 6 बजे। इतिहास के पन्नों में ये स्थान और समय स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि इसी समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) उज्जैन में महाकाल लोक (Mahakal Lok) का लोकार्पण करेंगे। महाकाल लोक को इतना विशाल और भव्य बनाया गया है कि लगातार देखते रहने पर भी मन नहीं भरता। महाकाल लोक में चहुंओर शिव की गाथाएं पढ़ने और सुनने की मिलेंगी। महाकाल लोक की भव्यता के चलते देश-दुनिया में ये उज्जैन एक धार्मिक और टूरिज्म प्लेस के रूप में विकसित होगा। आगे दी गई लिंक पर क्लिक कर आप महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकते हैं-
 

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फूलों से महका महाकाल का आंगन
महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम से पहले महाकाल मंदिर को देशी-विदेशी फूलों से सजाया गया है। मंदिर समिति से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, सजावट में देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प स्थानीय स्तर पर मंगवाएं गए हैं जबकि कुछ खास किस्म के फूल जैसे डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा और एंथोरियम के फूल पुणे और बेंगलुरु से मंगवाए गए हैं। सिर्फ महाकाल मंदिर का हॉल ही नहीं परिसर में स्थित लगभग 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास फूलों की सजावट की गई है। 

40 देशों में होगा सीधा प्रसारण
राज्य सरकार महाकाल लोक कार्यक्रम को भव्य और विशाल रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके लिए इस पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देश ही बल्कि विदेश में भी किया जाएगा। इन देशों में यूएसए, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई, यूके, कनाड़ा, हॉलैंड, कुवैत, फ्रांस, रूस, साउथ अफ्रीका, नामीबिया समेत 40 देश शामिल हुए। इस मौके पर सिर्फ देश के बल्कि विदेश के मंदिरों में भी धार्मिक आयोजन किए जाएंगे।

महाकाल लोक में 52 हजार खास पौधे
महाकाल लोक में 52 हजार विशेष पौधे लगाएं गए हैं। इन सभी पेड़-पौधों का धार्मिक के साथ-साथ औषधीय महत्व भी है। 52 हजार में से 12 फीट के सिर्फ 1500 पेड़ हैं। सभी सभ पौधे हैं। यहीं से प्राप्त होने वाले पत्तों व फूलों से महाकाल की पूजा भी की जाएगी। इन पेड़-पौधों पर लगभग लगभग डेढ़ करोड़ खर्च किए गए हैं। ये पेड़-पौधे लगाएं गए हैं महाकाल लोक में- रुद्राक्ष, अमलताश, स्पाइडर लिलि, गुलर, बकूल, सीताफल, अशोक, अमलताश, चंपा, पेंडानाथ, क्रिस्टीना, गुड़हल, बिल्व पत्र, शमी, कबीट, पारिजात आदि।


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