Mangal Gochar 2022: उज्जैन में है मंगल देवता का प्राचीन मंदिर, पूरे भारत में सिर्फ यहां होती है ये ‘खास’ पूजा

हिंदू धर्म में ग्रहों को भी देवताओं का रूप में पूजा जाता है क्योंकि इनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर भी पड़ता है। ग्रहों से संबंधित कई मंदिर हमारे देश में हैं। ऐसा ही एक विशेष मंदिर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में है, जो मंगल ग्रह से संबंधित है। इसे मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple Ujjain) कहा जाता है।

उज्जैन. मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple Ujjain) से जुड़ी कई विशेष परंपराएं और मान्यताएं इसे खास बनाती हैं। एक बात जो यहां सबसे खास है वो है यहां होने वाली विशेष पूजा, जिसे भात पूजा (Bhat Puja) कहते हैं। भारत में किसी भी दूसरे मंदिर में मंगल दोष (Mangal Dosh) के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए भात पूजा नहीं होती, सिवाए मंगलनाथ मंदिर के। यही कारण है ये दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और भात पूजा कर मंगल दोष का निवारण करते हैं। 

ये भी पढ़ें- यमुना छठ 7 अप्रैल को, इस दिन यमराज और सूर्यदेव की पूजा भी होती है, जानिए महत्व व खास बातें

7 अप्रैल को मंगल बदलेगा राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल भी अन्य ग्रहों की तरह समय-समय पर राशि परिवर्तन करता है। इस बार ये ग्रह 7 अप्रैल, गुरुवार को राशि परिवर्तन कर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। कुंभ में पहले से ही गुरु और शुक्र ग्रह स्थित है। वहीं राशि क्रम में आगे-पीछे होने से शनि और मंगल के बीच द्विर्द्वादश नाम का अशुभ योग बना रहेगा। 28 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में आ जाएगा, जिससे मंगल-शनि की युति दोबारा बन जाएगी।

ये भी पढ़ें- Chaitra Navratri Ke Upay: 9-10 अप्रैल को करें तंत्र-मंत्र के ये उपाय, देवी मां दूर करेगी आपकी हर परेशानी

ये है इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा  
शिवपुराण के अनुसार अंधकासुर नाम का एक महापराक्रमी दैत्य था। उसे वरदान प्राप्त था कि उसके खून की बूंदों से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे। इस वरदान को पाकर वह धरती पर उत्पात मचाने लगा। क्रोधित होकर शिवजी ने उसे युद्ध के लिए ललकार। दोनों में भयानक युद्ध होने लगा। इस दौरान भगवान शिव का पसीना बहने से धरती फट गई और उसमें से मंगल ग्रह का जन्म हुआ। मंगल ने अंधकासुर के रक्त को सोख लिया और शिवजी ने उस दैत्य का अंत कर दिया। माना जाता है जिस स्थान पर शिवजी का पसीना गिरा, उसी स्थान पर मंगलनाथ मंदिर स्थापित हुआ।

ये भी पढ़ें- मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पहनें मूंगा, लेकिन ध्यान रखें ये 4 बातें, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं

मंगल दोष दूर करने दूर-दूर से आते हैं लोग
जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थान पर होता या जो लोग मांगलिक होते हैं वे इस दोष के निवारण के लिए मंगलनाथ मंदिर आते हैं। यहां भात पूजा की जाती है, जिसमें पके हुए चावल का उपयोग किया जाता है। मंगलनाथ मंदिर के अलावा ये पूजा अन्य किसी स्थान पर नहीं की जाती है। क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। अंगारक चतुर्थी और मंगल प्रदोष आदि अ‌वसरों पर यहां भात पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।

ये भी पढ़ें- 7-8 अप्रैल को 2 ग्रह बदलेंगे राशि, 17 मई तक बना रहेगा शनि-मंगल का अशुभ योग, खत्म होगा बुधादित्य राजयोग

कैसे पहुंचें मंगलनाथ मंदिर?
- उज्जैन से सबसे नजदीक हवाईअड्डा इंदौर में है जो यहाँ से लगभग 55 किमी की दूरी पर है। इंदौर से उज्जैन आने के लिए सड़क और रेल मार्ग दोनों उपयुक्त हैं।
- उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक व्यस्त रेलवे स्टेशन है। यहाँ से भारत के सभी बड़े शहरों के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं। 
- राष्ट्रीय राजमार्ग उज्जैन को इंदौर, भोपाल, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, ग्वालियर, कोटा, जयपुर और ऐसे ही बड़े शहरों से जोड़ते हैं।

ये भी पढ़ें -

Chaiti Chhath Puja 2022: 5 अप्रैल से शुरू हो चुकी है चैती छठ पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, कथा व अन्य खास बातें

Chaitra Navratri 2022: 10 अप्रैल से पहले करें राशि अनुसार ये आसान उपाय, खुल सकते हैं किस्मत के दरवाज

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के दौरान भूलकर भी न करें ये 4 काम, हो सकता है कुछ अशुभ

2 अप्रैल से शुरू होगा विक्रम संवत् 2079, कौन हैं इस वर्ष का राजा और मंत्री, किस ग्रह को मिला है कौन-सा पद?

 

Share this article
click me!

Latest Videos

'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal
LIVE 🔴 Maharashtra, Jharkhand Election Results | Malayalam News Live