ramadan 2022: रमजान को क्यों मानते हैं पवित्र महीना, क्या है इससे जुड़ी मान्यता? जानिए खास बातें

आज दुनिया में सबसे ज्यादा अगर किसी धर्म को मानने वाले लोग हैं तो वह धर्म है इस्लाम। इस धर्म को मानने वाले 50 से ज्यादा देश हैं। इस्लाम को मानने वालों के लिए रमजान (ramadan 2022) माह बहुत ही खास होता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है यही वो महीना जिसमें कुरान (Quran) की आयतें धरती पर आई थीं। इसलिए ये महीना मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत खास है।

Manish Meharele | Published : Mar 30, 2022 12:06 PM IST / Updated: Apr 03 2022, 08:49 AM IST

उज्जैन. कुरान की आयतें अल्लाह के दूत पैगंबर मोहम्मद साहब तक पहुंचाते थे, जिसे उन्होंने एक किताब के रूप में संकलित किया था। रमजान के दौरान हर मुस्लिम रोजा जरूर रखता है। रोजा से जुड़े नियम भी बताए गए हैं, जो बहुत ही कठिन हैं। इस बार रमजान मास ही शुरूआत 2 या 3 अप्रैल से हो सकती है। इस मौके पर हम आपको इस्लाम से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

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इस्लाम धर्म के प्रवर्तक कौन थे?
इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब थे। उनका जन्म सन् 570 ई. में हुआ माना जाता है। भारतीय इतिहास की नजर से जब भारत में हर्षवर्धन और पुलकेशियन का शासन था, तब हजरत मुहम्मद अरब देशों में इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे थे।

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क्या है इस्लाम का अर्थ?
इस्लाम अरबी का शब्द है। इसका मतलब है शांति को अपनाना या उसमें प्रवेश करना। इस लिहाज से मुसलमान होने का मतलब उस व्यक्ति से है जो इंसान से लेकर परमात्मा तक, सभी के साथ पूरी तरह शांति व सुकूनभरा रिश्ता रखता हो। इस तरह इस्लाम धर्म का मूल स्वरूप यही है कि एक ऐसा धर्म, जिसके जरिए एक इंसान दूसरे इंसान के साथ प्रेम और अहिंसा से भरा व्यवहार कर ईश्वर की पनाह लेता है।

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कैसी धरती पर उतरी पवित्र कु्रान?
- कुरान में वे आयतें यानी पद शुमार हैं, जो मुहम्मद साहब के मुंह से उस वक्त निकले जब वे पूरी तरह ईश्वरीय प्रेरणा में डूबे हुए थे। 
- इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक ईश्वर, ये आयतें देवदूतों के जरिए मुहम्मद साहब तक पहुंचाते थे। इन पवित्र आयतों का संकलन ही कुरान है। 
- कुरान की आयतें पैगम्बर को 23 सालों तक वक्त-वक्त पर हासिल हुईं, जिनको उन्होंने कभी लकड़ियों तो कभी तालपत्रों पर संकलित किया। 
- इन 23 सालों के दौरान पैगम्बर 13 साल पवित्र मक्का और 10 साल मदीने में रहे। उनके बाद पहले खलीफा अबूबक्र ने मुहम्मद साहब की संकलित इन सारी आयतों का संपादन किया व पवित्र कुरान तैयार की, जो प्रामाणिक मानी जाती है।

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