Mahakal Sawari Ujjain: भगवान महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए भक्तों को दर्शन, देखने उमड़ा जनसैलाब

Mahakal Sawari Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की पहली सवारी आज (18 जुलाई, सोमवार) बड़ी धूम-धाम से निकली। सावन का पहला सोमवार होने से महाकाल मंदिर (Mahakal Temple Ujjain) में आज सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है।

उज्जैन. सावन (Sawan 2022) के पहले सोमवार यानी 18 जुलाई की सुबह श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई है। इस दौरान भगवान महाकाल का विभिन्न चीजों व आभूषणों से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया। शाम को 4 बजे भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर चंद्रमौलेश्वर रूप में भक्तों को दर्शन देने नगर में निकले। इस दौरान भक्तों ने फूलों से अपने राजा का स्वागत किया। पालकी जब रामघाट पहुंची तो यहां दत्त अखाड़े की ओर भगवान महाकाल का पूजन किया गया। 

सिंधिया राजवंश ने शुरू की सवारी की परंपरा (Who started the tradition of Mahakal Sawari)
भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाने की परंपरा ज्यादा पुरानी नहीं है। इसे सिंधिया राजवंश ने शुरू किया। रियासतकाल के दौरान उज्जैन पर सिंधिया वंश का प्रभाव था। तत्कालीन प्रशासन के साथ मिलकर सिंधिया परिवार ने भगवान और भक्तों की दूरी कम करने के लिए ये प्रयास किया और सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाने लगी। देखते ही देखते इस परंपरा ने भव्य रूप ले लिया। आज भी महाकाल की शाही सवारी में सिंधिया परिवार का कोई सदस्य बाबा महाकाल की आरती करने जरूर आता है।  

जानिए इस बार कब-कब निकलेगी महाकाल की सवारी ( Mahakal Sawari Date Sawan 2022)
- भगवान महाकाल की दूसरी सवारी 25 जुलाई को निकलेगी। इस दिन भगवान महाकाल पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
- भगवान महाकाल की तीसरी सवारी 1 अगस्त को निकलेगी। इस दिन बाबा महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप में दर्शन देंगे। 
- चौथी सवारी 8 अगस्त को निकलेगी। इस दिन पालकी में भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ पर शिवतांडव स्वरूप और नंदी रथ पर उमा-महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। 
- पांचवीं सवारी 15 अगस्त को निकलेगी। इस दिन भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।
- भगवान महाकाल की अंतिम सवारी जिसे शाही सवारी कहते हैं 22 अगस्त को निकलेगी। इस दिन लाखों भक्त भगवान के दर्शन करने उज्जैन आते हैं और ये शहर शिवमय हो जाता है।

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