Shrikhand Mahadev Yatra: 19 हजार फीट पर स्थित है श्रीखंड महादेव, ये है भारत की सबसे खतरनाक धार्मिक यात्रा

हमारे देश में समय-समय पर कई धार्मिक यात्राएं आयोजित होती हैं। इनमें से कुछ यात्राएं तो बहुत ही दुर्गम होती हैं। ऐसी ही एक यात्रा है श्रींखड महादेव (Shrikhand Mahadev Yatra 2022) की। ये उत्तर भारत सहित पूरे देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा कहा जाता है। इस बार ये यात्रा 11 जुलाई, सोमवार से शुरू हो चुकी है। 

Manish Meharele | Published : Jul 11, 2022 7:23 AM IST

उज्जैन. श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक प्राचीन तीर्थ स्थल है, जिसे भगवान शिव-पार्वती का निवास माना जाता है। 19,570 फीट की ऊंचाई पर 70 फीट ऊंची शिव शिला के दर्शन के लिए 35  किलोमीटर की लंबी यात्रा करनी पड़ती है। इस बार श्रीखंड महादेव की यात्रा 11 जुलाई, सोमवार से शुरू हो चुकी है, जो 24 जुलाई तक चलेगी। इस यात्रा में बिना पंजीकरण कोई भी श्रद्धालु नहीं जा सकता। श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए पूर्णत स्वस्थ होने का मेडिकल सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है। आगे जानिए श्रीखंड महादेव और यात्रा के संबंध में रोचक जानकारी…

भस्मासुर से जुड़ी है इस स्थान की मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भस्मासुर राक्षस ने इसी स्थान पर तपस्या की और शिवजी वरदान मांगा कि वह जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। वरदान पाते ही वह शिवजी को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे दौड़ा। तब महादेव को पहाड़ की इन्हीं गुफाओं में छिपना पड़ा। भस्मासुर के भय से देवी पार्वती रो पड़ीं। कहते हैं कि उनके आंसुओं से यहां नयनसरोवर झील का निर्माण हुआ। इस झील की एक धार यहां से 25 किमी नीचे भगवान शिव की गुफा निरमंड के देव ढांक तक गिरती है। पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहां बिताया था। भीम ने यहां एक राक्षस का वध भी किया था। आस-पास के इलाकों में ऐसी कथाएं सुनने को मिलती हैं।

कैसे पहुंचें और किन बातों का ध्यान रखें?
- श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण इस बेवसाइट से किया जा सकता है- https://shrikhandyatra.hp.gov.in। अनफिट और 18 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोग यात्रा पर नहीं जा सकते।
- ऑफ लाइन पंजीकरण के लिए शिमला स्थित निरमंड के सिंहगाड़ पहुंचना होगा।  यहां से आगे की यात्रा शुरू होगी, जो बहुत ही दुर्गम है। यात्रा के संबंध में संपूर्ण जानकारी आपको यहीं से मिलेगी।
- स्थानीय प्रशासन द्वारा सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वतीबाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए यहां डॉक्टर, पुलिस और रेस्क्यू टीम हर समय तैयार रहेगी।
- श्रीखंड महादेव की यात्रा अकेले न करें। चढ़ाई धीरे-धीरे चढ़ें और सांस फूलने पर रुक कर थोड़ी देर आराम करें। छाता, गर्म कपड़े, जूते, टॉर्च, डंडा, जरूरी दवाइयां आदि चीजें अपने साथ अवश्य लेकर जाएं।

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