दक्षिण भारत के इस मंदिर में है सबसे वजनदार गणेश प्रतिमा, 20 फीट ऊंची और 11 फीट चौड़ी है ये मूर्ति

भगवान श्रीगणेश के कई अनोखे और अद्भुत मंदिर दक्षिण भारत में भी हैं। इनमें से एक तमिलनाडु के कोयंबटूर से 4 किमी की दूरी पर पुलियाकुलम के श्री मुंथी विनायक गणपति हैं।

उज्जैन. भगवान श्रीगणेश के कई अनोखे और अद्भुत मंदिर दक्षिण भारत में भी हैं। इनमें से एक तमिलनाडु के कोयंबटूर से 4 किमी की दूरी पर पुलियाकुलम के श्री मुंथी विनायक गणपति हैं। जानिए क्या है इस मंदिर की विशेषता-
- इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा ग्रेनाइट की एक ही चट्टान पर उकेरी गई है, जो लगभग 140 क्विंटल वजनी है।
- करीब 20 फीट ऊंची और 11 फीट चौड़ी ये प्रतिमा गणपति के आरोग्य प्रदान करने वाले स्वरुप को दर्शाती है।
- इस प्रतिमा के एक हाथ में अमृत कलश है। इस प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां कालसर्प दोष और बीमारियों से मुक्ति के लिए विशेष पूजा की जाती है।
- ये मंदिर 1982 में बनना शुरू हुआ था। 6 साल की अथक मेहनत के बाद गणेश प्रतिमा ने पूरा आकार लिया।
- ये प्रतिमा कमल के फूल पर विराजित गणपति की है। जिनकी कमर में कमरबंद के तौर पर वासुकी नाग विराजित हैं।
- ये पूरे एशिया में एक मात्र प्रतिमा है जो 14 हजार किलो यानी 14 टन वजनी है और पूरी प्रतिमा एक ही ग्रेनाइट पत्थर पर बनाई गई है।

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