परंपरा: चैत्र मास के 15 दिन निकलने के बाद ही क्यों शुरू होता है हिंदू नववर्ष?

दुनिया भले ही नया साल जनवरी से मनाती है लेकिन सनातन कालगणना में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (इस बार 25 मार्च, बुधवार) से ही नववर्ष की शुरुआत मानी गई है।

उज्जैन. पुराण कहते हैं, इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। मतलब ये दिन मानव सभ्यता के अभ्युदय का दिन है। किसी अन्य नववर्ष से ज्यादा महत्वपूर्ण और मान्य।

15 दिन बाद क्यों शुरू होता है हिंदू नववर्ष
अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) में तो चैत्र महीना होली के अगले दिन यानी फाल्गुन पूर्णिमा के बाद से ही शुरू हो जाता है। जिसे चैत्र कृष्ण प्रतिपदा कहा जाता है तो नया साल 15 दिन बाद क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे बहुत ही ऊंचे दर्जे की सोच और मान्यता है, जो भारतीय दर्शन की महानता को दिखाती है। जानिए नववर्ष से जुड़ी इस मान्यता की खास बातें...
- वास्तव में चैत्र मास होली के दूसरे ही दिन से शुरू हो जाता है, लेकिन वो समय कृष्ण पक्ष का होता है, मतलब पूर्णिमा से अमावस्या तक का, इन 15 दिनों में चंद्रमा लगातार घटता है और अंधेरा बढ़ता जाता है।
- सनातन धर्म “तमसो मां ज्योतिर्गमय्” यानी अंधेरे से उजाले की ओर जाने की मान्यता है। इस कारण चैत्र मास लगने के बाद भी शुरू के 15 दिन (पूर्णिमा से अमावस्या तक) छोड़ दिए जाते हैं।
- अमावस्या के बाद जब शुक्ल पक्ष लगता है तो शुक्ल प्रतिपदा से नया साल मनाया जाता है, जो अंधेरे से उजाले की ओर जाने का संदेश देता है।
- अमावस्या के अगले दिन से शुक्ल पक्ष शुरू होता है, जिसमें हर दिन चंद्रमा बढ़ता है, उजाला बढ़ता है। इसलिए भारतीय विद्वानों ने इसी तिथि को हिंदू नववर्ष आरंभ करने के लिए चुना।

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

Om Prakash Chautala Death: नहीं रहे पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला , 5 बार संभाली हरियाणा की कमान
नोटिस या पूछताछ... आखिर संसद धक्का कांड में Rahul Gandhi पर क्या एक्शन लेगी दिल्ली पुलिस?
जयपुर में CNG टैंकर में धमाका और लगी आग, 35 गाड़ियां स्वाहा । Jaipur Fire News । Rajasthan News
कुवैत के लिए रवाना हुए मोदी, 43 साल के बाद पहली बार यहां जा रहे भारतीय PM
LIVE 🔴: "भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर चर्चा