Women's Day 2022: महादेव ने ये अवतार लेकर महिलाओं को दिए हैं पुरुषों के समान अधिकार

Published : Mar 08, 2022, 09:11 AM ISTUpdated : Mar 08, 2022, 09:12 AM IST
Women's Day 2022: महादेव ने ये अवतार लेकर महिलाओं को दिए हैं पुरुषों के समान अधिकार

सार

हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2022) मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के सम्मान में कई बड़े आयोजन किए जाते हैं। व्यवहारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो बिना महिलाओं के संसार का संचालन नहीं किया जा सकता और न ही सृष्टि की वृद्धि संभव है। हिंदू धर्म ग्रंथों में ये बातें हजारों साल पहले बहुत ही सहजता से बताई गई है।   

उज्जैन. हर हिंदू देवता के साथ देवी की उपासना भी अनिवार्य रूप की जाती है। नवरात्रि सहित अन्य विशेष त्योहारों पर शक्ति की उपासना के नियम बताए गए हैं। स्वयं भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर अवतार लेकर स्त्रियों के महत्व को स्वीकार किया है। भगवान शिव का ये अवतार आज के सदंर्भ में भी लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र हमें सीखाता है। जरूरत है उन लाइफ मैनेजमेंट टिप्स को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2022) के मौके पर जानिए भगवान शिव के लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी खास बातें…

ये भी पढ़ें- ग्रंथों में रावण की पत्नी सहित इन 5 महिलाओं को कहा गया है पंचकन्या, जानिए कौन हैं ये और इनसे क्या सीखें?

भगवान शिव ने क्यों लिया अर्धनारीश्वर अवतार?
शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा की तपस्या से परमात्मा शिव संतुष्ट हो अर्धनारीश्वर का रूप धारण कर उनके समीप गए और जगत कल्याण के लिए शिव ने अपने शरीर में स्थित देवी शिवा/शक्ति के अंश को अलग कर दिया। ब्रह्माजी की प्रार्थना स्वीकार कर देवी शिवा ने उन्हें स्त्री-सर्ग-शक्ति प्रदान की और अपनी ललाट के मध्य से अपने ही समान कांति वाली एक शक्ति की सृष्टि की जिसने दक्ष के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया। शक्ति का यह अवतार आंशिक कहा गया है। शक्ति पुन: शिव के शरीर में प्रविष्ट हो गई। उसी समय से मैथुनी सृष्टि का प्रारंभ हुआ। तभी से बराबर प्रजा की वृद्धि होने लगी। 

अर्धनारीश्वर रूप से सीखें लाइफ मैनेजमेंट टिप्स
भगवान शंकर के अर्धनारीश्वर अवतार में हम देखते हैं कि भगवान शंकर का आधा शरीर स्त्री का तथा आधा शरीर पुरुष का है। यह अवतार महिला व पुरुष दोनों की समानता का संदेश देता है। समाज, परिवार व सृष्टि के संचालन में पुरुष की भूमिका जितनी महत्वपूर्ण है उतना ही स्त्री की भी है। स्त्री तथा पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं। एक-दूसरे के बिना इनका जीवन निरर्थक है। अर्धनारीश्वर लेकर भगवान ने यह संदेश दिया है कि समाज तथा परिवार में महिलाओं को भी पुरुषों के समान ही आदर व प्रतिष्ठा मिले। उनके साथ किसी प्रकार का भेद-भाव न किया जाए।


 

ये भी पढ़ें- 

Holashtak 2022: 17 मार्च को होलिका दहन के साथ खत्म हो जाएगा फाल्गुन मास, इसके पहले 8 दिन रहेगा होलाष्टक


31 मार्च तक मकर राशि में रहेगा सौर मंडल का सबसे चमकीला ग्रह, इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत

गुजरात के वलसाड़ में है 300 साल पुराना अनोखा मंदिर, यहां होती है मछली की हड्डियों की पूजा

क्या महाभारत युद्ध में शिवजी ने भी दिया था पांडवों का साथ, अर्जुन ने महर्षि वेदव्यास को बताई थी ये अनोखी घटना?

 

PREV

Recommended Stories

Unique Temple: इस मंदिर में आज भी गूंजती है श्रीकृष्ण की बांसुरी की आवाज, रहस्यमयी है ये जगह
किन लोगों को दिखाई देते हैं भूत-प्रेत? जानें जन्म कुंडली से