'कांग्रेस मानसिकतौर पर दिवालिया, केरल में CPM के खिलाफ है, जबकि बंगाल-असम में गले मिलकर चुनाव लड़ रही'
असम की 126 विधानसभा सीटों के लिए अंतिम चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को होगी। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को यहां तीन जगह चुनाव प्रचार करने पहुंचे। बता दें कि यहां पहले चरण में 27 मार्च, जबकि दूसरे चरण में 1 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है। असम में CAA एक बड़ा मुद्दा है। विपक्ष इसके खिलाफ है, जबकि भाजपा ने इसे लागू करने का ऐलान किया है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 2, 2021 2:58 AM IST / Updated: Apr 02 2021, 02:55 PM IST
गुवाहाटी, असम. पांच राज्यों-पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में हो रहे विधानसभा चुनाव अपने चरम पर हैं। भाजपा की तरह कांग्रेस के लिए भी असम का चुनाव प्रतिष्ठा बना हुआ है। भाजपा CAA लागू करने पर जोर दे रही है, तो कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। असम की 126 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरण में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण में 27 मार्च और दूसरे चरण में 1 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है। तीसरा और अंतिम चरण 6 अप्रैल को होगा। तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को यहां तीन जगहों पर चुनावी रैलियां और जनसभाएं करने पहुंचे।
नड्डा ने कहा
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पिछले 50 साल में बोडो समस्या के चलते हजारों लोग हताहत हुए, पुलिस के हजारों लोग मारे गए। लेकिन मोदी जी की इच्छाशक्ति और अमित शाह जी की रणनीति ने बोडो एकॉर्ड कराकर जहां असम की अस्मिता को सुरक्षित रखा, वहीं बोडो समस्या को हमेशा के लिए सुलझा दिया गया।
असम के लिए हमारे 10 संकल्प हैं। बाढ़ के प्रकोप से हम यहां के लोगों को निजात दिलाएंगे। अरुण उदय के तहत अब हम 3,000 रुपये 30 लाख बहनों को देंगे।
2.5 लाख रुपये नामघरों के लिए दिए जाएंगे। बेटियों की शिक्षा मुफ्त होगी। 8वीं कक्षा के बाद बेटियों को साइकिल दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 1,000 करोड़ रुपये चाय बागानों के लिए दिए हैं। ये धनराशि बच्चों की शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य पर खर्च होगा।
चाय बागान पर जो पक्की सड़कें हैं, वो भी असम की भाजपा सरकार ने बनाई है।
आजकल चुनाव में बहुत कुछ देखने को मिल रहा है। कोई मंदिर जा रहा है, पिछले 50 साल में मंदिर नहीं गए, अब जा रहे हैं। कोई चंडीपाठ कर रहा है, बंगाल में ममता दीदी को पहले कभी जरूरत नहीं पड़ी लेकिन अब चंडीपाठ कर रही हैं।
कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता या नेता होते हैं, और कुछ राजनीतिक सैलानी होते हैं। ये राजनीति में, चुनाव के वक्त घूमने आते हैं।
राहुल गांधी भी राजनीतिक सैलानी की तरह आए और चाय बागान का फोटो लगाया। लेकिन वो चाय बागान ताइवान और श्रीलंका के थे।
आज कांग्रेस पार्टी मानसिक दिवालियेपन और अवसरवादी राजनीति में घिर चुकी है। कांग्रेस का वैचारिक पृष्ठभूमि पर मानसिक दिवालियापन हो चुका है। केरल में कांग्रेस CPM के खिलाफ, जबकि बंगाल और असम में गले मिलकर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस सम्प्रदायवादी पार्टी हो गई है।
अरुणोदय से महिला सशक्तिकरण हुआ है। अब हम 3,000 हजार रुपये प्रत्येक के हिसाब से 30 लाख बहनों को अरुणोदय के तहत देने वाले हैं। ताकि वो अपने बच्चों की शिक्षा, दीक्षा, पढ़ाई और दवाई में इनका प्रयोग कर सके।
हम असम की संस्कृति की रक्षा करने वाले लोग हैं। अटल जी की सरकार में गोपीनाथ बोरदोलोई जी को भारत रत्न दिया गया, तब तक किसी कांग्रेसी नेता को उनकी याद क्यों नहीं आई थी? उसी तरह नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिया गया। जब आपने मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री चुना था , वो 10 साल में यहां कुल 10 बार भी नहीं आये थे। लेकिन मोदी जी मात्र 5 साल के अंदर ही यहां 35 बार आये हैं और इस इलाके के विकास को गति दी है।