असम में भाजपा सत्ता बचाने में कामयाब हुई। 2 मई को आए नतीजों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। 126 सीटों वाले असम में तीन चरणों में मतदान हुआ था। असम में भाजपा ने एजीपी के साथ चुनाव लड़ा। वहीं, कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गंगा मोर्चा , बीपीएफ साथ में मिलकर मैदान में थीं।
दिसपुर. असम में भाजपा सत्ता बचाने में कामयाब हुई। असम में भाजपा गठबंधन ने 78 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, कांंग्रेस गठबंधन को 46 सीटें मिलीं। 2 सीटें अन्य के खाते में गईं। 126 सीटों वाले असम में तीन चरणों में मतदान हुआ था। असम में भाजपा ने एजीपी के साथ चुनाव लड़ा था। वहीं, कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गंगा मोर्चा , बीपीएफ साथ में मिलकर मैदान में थीं।
सही साबित हुए एग्जिट पोल
- इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के मुताबिक, असम में भाजपा को 75-85 सीटें, कांग्रेस को 40-50 जबकि अन्य के खाते में 1-4 सीटें जाते दिख रही हैं।
- चाणक्य-न्यूज 24 के मुताबिक, असम में भाजपा को 70 ± 9 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 56 ± 9 सीटें मिलने का अनुमान जताया है।
- एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल में असम में एनडीए को 58-71, यूपीए को 53-66 और अन्य को 0-5 सीटें मिलती दिख रही हैं।
- रिपब्लिक-CNX के मुताबिक, असम में भाजपा को 74-84 सीटें, कांग्रेस को 40-50 सीटें मिलने का अनुमान है।
- टीवी 9 भारतवर्ष- पोलस्ट्रेट एग्जिट पोल के मुताबिक, असम में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां भाजपा गठबंधन को 59 से 69 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, कांग्रेस गठबंधन को 55 से 65 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि अन्य के खाते में 0-5 सीटें जा सकती हैं।
क्या थे चुनाव के मुद्दे?
असम में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के गठबंधन में ही है। जहां असम में भाजपा ने सीएए, एनआरसी, घुसपैठ और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। वहीं, कांग्रेस ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की। हालांकि, कांग्रेस इस बार तीन बार के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बिना चुनाव लड़ रही है। गोगोई का इस साल निधन हो गया था।
कितने उम्मीदवार थे मैदान में?
126 सीटों वाले असम में इस बार 946 प्रत्याशी मैदान में हैं। एडीआर ने इनमें से 941 प्रत्याशियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है। 941 प्रत्याशियों में 224 राष्ट्रीय पार्टियों के, 116 राज्य स्तरीय पार्टियों के, 224 रजिस्टर्ड लेकिन कम चर्चित पार्टियों के जबकि 377 प्रत्याशी निर्दलीय हैं।
941 प्रत्याशियों में 138 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले बताए हैं। वहीं, 109 प्रत्याशियों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 264 उम्मीदवार इस चुनाव में करोड़पति हैं।
2016 के नतीजे
विधानसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 60 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, एनडीए की बात करें तो एजीपी को 14 और बीपीएफ को 12 सीटें मिलीं। कुल मिलाकर चुनाव में एनडीए के खाते में 86 सीटें गई थीं।