Holi 2023: होली पर दुर्लभ योग, 30 साल बाद शनि और 12 साल बाद गुरु के स्वराशि में होने पर मनेगा ये पर्व

Holi Durlabh Yog 2023: इस बार होली पर ग्रहों के कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार गुरु और शनि अपनी-अपनी स्वराशि में रहेंगे, ये संयोग कई दशकों में एक बार आता है।

 

उज्जैन. फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर पहले होली (Holi Durlabh 2023) की पूजा की जाती है और बाद में होलिका दहन किया जाता है। इस बार ये तिथि 7 मार्च, मंगलवार को है। इस बार होली पर ग्रहों के एक नहीं कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व बहुत ही खास बन गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार गुरु और शनि स्वराशि में है तो वहीं बुध और सूर्य मिलकर एक राजयोग बना रहे हैं। आगे जानिए होली पर बनने वाले इन दुर्लभ योगों के बारे में…

30 साल बाद शनि के योग में होगा होलिका दहन
वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि कुंभ में स्थित है। अपनी ही राशि में होने से शनि शुभ फल देने वाला माना गया है। इसके पहले साल 1993 में शनि के कुंभ राशि में रहते हुए होलिका दहन का पर्व मनाया गया था यानी 30 साल पहले। इस राशि में अभी शनि के साथ सूर्य और बुध भी स्थित है। इस तरह एक ही राशि में 3 ग्रह होने से त्रिग्रही योग भी होली पर बन रहा है।

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गुरु 12 साल बाद रहेगा मीन राशि में
इस समय गुरु अपनी स्वराशि मीन में स्थित है। अपनी ही राशि में होने के चलते गुरु इस समय शुभ फल प्रदान कर रहा है। इसके पहले साल 2011 में गुरु ग्रह मीन राशि में था, तब होली का पर्व मनाया गया था। यानी 12 साल बाद एक बार फिर से गुरु के मीन राशि में रहते हुए होलिका दहन किया जाएगा।

शुक्र ग्रह रहेगा उच्च राशि में
वर्तमान में शुक्र मीन राशि में गुरु के साथ युति कर रहा है। शुक्र ग्रह से ही भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र जब मीन राशि में रहता है तो शुभ फल प्रदान करता है क्योंकि ये शुक्र की उच्च राशि है। इस राशि में शुक्र बलवान स्थिति में आ जाता है। इस शुभ स्थिति में की गई होली पूजा घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाने वाली रहेगी।

सूर्य-बुध की युति से बनेगा राजयोग
इस समय मकर राशि में सूर्य और बुध एक साथ हैं। सूर्य और बुध की युति बनने बुधादित्य नाम का राजयोग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत ही शुभ माना गया है। इस योग में की गई पूजा, उपाय आदि का फल कई गुना होकर मिलता है। होली पर इस राजयोग के बनने से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।

 

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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

 

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