11 अप्रैल, मंगलवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम के 2 योग बनेंगे। इसके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:35 से शाम 5:08 तक रहेगा।
उज्जैन. पंचांग में समय की गणना बहुत ही सूक्ष्म रूप से की जाती है। उसके अनुसार, 2 नाड़ी का 1 मुहूर्त होता है। 15 दिन-रात का 1 पक्ष माना गया है और दो पक्षों का एक मास। ये 2 पक्ष हैं शुक्ल और कृष्ण। 2 मास की 1 ऋतु होती है और और 6 मास का 1 अयन होता है। अयन दक्षिणायन और उत्तरायन दो प्रकार का होता है। ये दोनों अयन मिलकर देवताओं के 1 दिन-रात होते हैं तथा मनुष्य लोक में ये 1 वर्ष या 12 महीने होते हैं। आगे पंचांग से जानिए आज कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे, कौन-सा ग्रह किस राशि में रहेगा और राहु काल व अभिजीत मुहूर्त का समय…
11 अप्रैल का पंचांग (Aaj Ka Panchang 11 April 2023)
11 अप्रैल 2023, दिन मंगलवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 07.18 तक रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि आरंभ हो जाएगी, जो रात अंत तक रहेगी। मंगलवार को ज्येष्ठा नक्षत्र दोपहर 12.58 तक रहेगा, इसके बाद मूल नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम के 2 योग बनेंगे। इसके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:35 से शाम 5:08 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी…
मंगलवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा। शुक्र वृषभ राशि में, बुध और राहु मेष राशि में, मंगल मिथुन राशि में, सूर्य और गुरु मीन राशि में, शनि कुंभ राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।
11 अप्रैल के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2080
मास पूर्णिमांत- वैशाख
पक्ष- कृष्ण
दिन- मंगलवार
ऋतु- वसंत
नक्षत्र- ज्येष्ठा और मूल
करण- तैतिल, गर और वणिज
सूर्योदय - 6:14 AM
सूर्यास्त - 6:42 PM
चन्द्रोदय - Apr 12 12:03 AM
चन्द्रास्त - Apr 12 10:43 AM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:04 से 12:54
11 अप्रैल का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:21 AM – 10:54 AM
कुलिक - 12:28 PM – 2:01 PM
दुर्मुहूर्त - 08:43 AM – 09:33 AM और 11:18 PM – 12:04 AM
वर्ज्यम् - 10:27 AM – 11:59 AM
ये भी पढ़ें-
Hindu Traditions: शिवलिंग के ऊपर बांधी जाने वाली मटकी को क्या कहते हैं, इसे कब और क्यों बांधते हैं?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।