Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग, कब करें लक्ष्मी पूजा, चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाएं या नहीं?

Chandra Grahan 2023 Sutak Timing: इस बार 28 अक्टूबर, शनिवार को शरद पूर्णिमा है। इसी दिन चंद्र ग्रहण का संयोग भी बन रहा है। इस दिन लक्ष्मी पूजन और चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाने की परंपरा है। जानें चंद्र ग्रहण के कारण ये काम कर पाएंगे या नहीं?

 

Manish Meharele | Published : Oct 25, 2023 4:30 AM IST / Updated: Oct 25 2023, 01:02 PM IST

Chandra Grahan 2023 Full Deatail Check Here: धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस बार ये पर्व 28 अक्टूबर, शनिवार को है। इसी दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी होगा। शरद पूर्णिमा से जुड़ीं कईं परंपराएं हैं जैसे इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है, चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाई जाती है। चंद्र ग्रहण के कारण ये कैसे कर पाएंगे। आगे जानिए इन्हीं सवालों के जवाब उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से…

कब से कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण का सूतक? (Chandra Grahan 2023 Timing In India)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, शनिवार की रात लगभग 01.44 से शुरू होगा जो 02.24 मिनिट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी दोपहर 4.44 से शुरू हो जाएगा। सूतक काल शुरू होने के बाद किसी भी तरह की कोई पूजा-पाठ नहीं करें।

कब करें लक्ष्मी पूजा? (Sharad Purnima 2023 Kab Hai)
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा की परंपरा है, लेकिन सूतक शुरू होने के बाद किसी भी तरह की पूजा करना नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आप चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले ही यानी दोपहर 4.44 बजे से पहले ही पूजा-पाठ कर सकते हैं। सूतक व ग्रहण काल के दौरान मंत्र जाप किया जा सकता है।

चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाएं या नहीं?
शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाने और खाने की परंपरा है, लेकिन चंद्र ग्रहण के सूतक काल के कारण इस बार ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा। इस स्थिति में 28 अक्टूबर की रात चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद यानी रात 02.24 के बाद खीर बनाने और खाने की परंपरा निभाई जा सकती है।

चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान क्या करें? (Chandra Grahan 2023 Sutak kaal Mai Kya Na kare)
28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 4.44 से शुरू हो जाएगा, जो रात 02.24 तक रहेगा। इस दौरान न तो भोजन पकाएं, न भोजन करें। सूतक काल में सोना भी नहीं चाहिए, भगवान की पूजा भी न करें, मंत्र जाप कर सकते हैं। स्त्री संग न करें। मन में बुरे विचार न लाएं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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