जब कोई नई कार खरीदी जाती है, तब सरकार उस पर टैक्स लगाकर कमाई करती है। कार पर जीएसटी के साथ सेस भी लगाया जाता है। यह अलग-अलग सेगमेंट के अनुसार होती है। रजिस्ट्रेशन पर भी सरकार टैक्स लेती है।
ऑटो न्यूज : कार खरीदना आखिर किसका सपना नहीं होता है। कमाई कम भी हो, फिर भी आम आदमी पाई-पाई जोड़कर कार खरीदता है ताकि उसके शौक पूरे हो सके और सफर आरामदायक हो। एक कार की कीमत ही लाखों रुपए होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप जिस कार को खरीदने जा रहे हैं, उस पर कितना टैक्स (Tex) लगता है? सरकार को उससे कितनी कमाई होती है? उस कार (Car) पर कितना सेस लगता है? अगर नहीं तो यहां जानें कार पर टैक्स और सेस का पूरा गणित..
एक नई कार पर कितना टैक्स
सरकार की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक नई कार खरीदते वक्त 28 प्रतिशत जीएसटी (GST) उसके रजिस्ट्रेशन पर लगता है। कार की कैटेगरी के हिसाब से उस पर अतिरिक्त सेस (Cess) भी लगाया जाता है। हर सेगमेंट के लिए यह अलग-अलग होता है।
नई कार पर कितना सेस लगता है
नई कार खरीदने जा रहे हैं तो बता दें कि उस पर जीएसटी के साथ सेस भी सरकार लेती है। एक्सपर्ट के अनुसार, सेस एक प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक होता है। इसका मतलब यह है कि 28 परसेंट जीएसटी के साथ एसयूवी सेगमेंट की गाड़ियों पर 22 प्रतिशत तक टैक्स ही दिया जाता है। डीजल वाली गाड़ियों पर यह और भी ज्यादा होता है।
सेगमेंट से टैक्स का क्या है मतलब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कार, जिनकी लंबाई चार मीटर से कम है और उनका इंजन 1200 सीसी से कम क्षमता का है, उन पर 28 परसेंट जीएसटी के साथ एक परसेंट का सेस लगता है। मतलब कुल कीमत का 29 प्रतिशत टैक्स ही दिया जाता है। इसके बाद भी रजिस्ट्रेशन पर सरकार अतिरिक्त पैसा लेती है। उदाहरण की बात करें तो अगर एसयूवी की गाड़ी खरदी रहे हैं तो सरकार इस सेगमेंट के वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ 22 प्रतिशत का कंपसनसेशन टैक्स लगाती है। मतलब कार की कुल कीमत का सिर्फ 50 प्रतिशत तो टैक्स ही लगता है।
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