जेब खाली करवा सकती हैं FASTag से जुड़ी 5 गलतियां, कभी न करें ऐसी मिस्टेक
देश में करीब 98 प्रतिशत टोल प्लाजा फास्टैग सिस्टम में हैं और 8 करोड़ से ज्यादा वाहनों पर फास्टैग लगा है। ये सभी गाड़ी चालक फास्टैग से जुड़ी 5 गलतियां सबसे ज्यादा करते हैं, जिसकी वजह से फास्टैग के बावजूत उन्हें भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ता है।
ऑटो डेस्क : 31 जनवरी तक फास्टैग अपडेट न करवाने वाले गाड़ी चालकों को भारी पड़ सकता है, क्योंकि FASTag से जुड़ी छोटी सी गलती भी बड़ा जुर्माना लगवा सकती है। ऐसे में फास्टैग लगा होने के बावजूद जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस वक्त देश में करीब 98 प्रतिशत टोल प्लाजा फास्टैग सिस्टम में हैं और 8 करोड़ से ज्यादा वाहनों पर फास्टैग लगा है। ये सभी गाड़ी चालक फास्टैग से जुड़ी 5 गलतियां सबसे ज्यादा करते हैं, जिसकी वजह से फास्टैग के बावजूत उन्हें भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ता है। इसलिए इन गलतियों से बचना चाहिए...
फास्टैग से जुड़ी 5 गलतियां करने से बचें
Latest Videos
कई वाहन चालक फास्टैग को डैसबोर्ड में रखते हैं और जब टोल प्लाजा पहुंचते हैं तो उसे निकालकर बाहर रखते हैं। इस वजह से समय लगता है और पीछे खड़े वाहनों को इंतजार करना पड़ता है। फास्टैग विंडस्क्रीन पर न लगाने के पीछे उनकी सोच होती है कि शायद किसी टोल प्लाजा पर जुगाड़ काम आ जाए और टोल देने से बच जाएं। ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई हो सकती है।
कुछ गाड़ियों में एक नहीं बल्कि दो-दो फास्टैग लगे होते हैं। एक पुराना बेकार हो चुका होता है और दूसरा नया होता है। इसकी वजह से कार्ड रीडर को फास्टैग रीड करने में समय लगता है और कई बार टोल कर्मी मैन्युअल ही कार्ड रीड करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों पर जुर्माना लग सकता है।
कुछ गाड़ी चालक एक फास्टैग को दो-दो गाड़ियों में यूज करते हैं। यह रिवर्ज बैंक के आदेश का उल्लंघन है। इसके अलावा अगर कोई फास्टैग कार का है और उसमें कार नंबर दर्ज है और इस फास्टैग को कमर्शियल वाहन पर लगाकर जा रहे हैं तो टोल प्लाजा पर कार्ड रीडर मशीन इसे नंबर के आधार पर छोटी गाड़ी का टोल लेता है। टोल स्क्रीन पर नंबर आता है लेकिन टोलकर्मी नहीं देख पाता है और गाड़ी आगे चली जाती है। इससे राजस्व का नुकसान होता है। ऐसी गलती करने पर गाड़ी चालक से जुर्माना वसूला जा सकता है। 31 जनवरी के बाद ऐसे वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
कभी भी पुरानी गाड़ी का फास्टैग नई गाड़ी में नहीं लगाना चाहिए। इससे वाहनों का डेटाबेस गलत बन सकता है या टोल पर दूसरी और फास्टैग पर दूसरी गाड़ी पार हो सकती है। इसपर भी एक्शन लिया जा सकता है।
फास्टैग की क्लोनिंग आजकल तेजी से बढ़ गई है। इसलिए अधिकृत जगह से ही फास्टैग खरीदें। ऐसे फास्टैग टोल प्लाजा में फर्जी बता दिए जाते हैं और जुर्माना देना पड़ता है।