देश-दुनिया में आए दिन रोड एक्सीडेंट की वजह से बड़ी संख्या में जान जाती है। रात में नींद आने की वजह से सड़क हादसे ज्यादा ही होते हैं। इंजीनियरिंग के 5 छात्रों ने ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो रोड एक्सीडेंट कम करने में मदद कर सकता है।
ऑटो डेस्क : इंदौर के इंजीनियरिंग के छात्रों ने गजब कर दिया है। आए दिन हो रहे रोड एक्सीडेंट को लेकर उनका एक इनोवेशन चर्चा में है। उन्होंने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो रोड एक्सीडेंट को कम करने में मददगार हो सकता है। अगर ड्राइव करते वक्त ड्राइवर को नींद आती है तो ये डिवाइस गाड़ी के पहियों को रोक देगा और आगे नहीं बढ़ने देगा। इस डिवाइस का नाम एंटी स्लिप अलार्म (Anti Sleep Alarm) है। इसे पहनने के बाद नींद आने के 5 सेकेंड के अंदर ही गाड़ी अपने आप ही रूक जाएगी।
एंटी स्लिप अलार्ट कैसे काम करता है
इस डिवाइस को बनाया है SGSITS कॉलेज के बीटेक सेकंड ईयर के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के 5 छात्रों ने। इसे एंटी स्लिप अलार्म फॉर ड्राइवर्स माइनर प्रोजेक्ट नाम उन्होंने दिया है। इस डिवाइस में सेंसर लगा हुआ एक चस्मा है, जिसे ड्राइव करते वक्त पहनना होता है। गाड़ी चलाते वक्त एंटी स्लीप में जैसे ही ड्राइवर की आंख लगती है या पलक झपकती है तो एंटी स्लीप ईयर सेंसर चश्में आंखों को सेंस करके रिले मॉड्यूल एक्टिवेट कर देते हैं। इससे अलार्म बचने लगता है और महज 5 सेकेंड में ही आपकी गाड़ी के पहिए खुद ब खुद रूक जाते हैं।
800 रुपए का खर्च और बन गई डिवाइस
इस प्रोजेक्ट टीम के एक सदस्य अभिज्ञान पुरोहित ने इसके बारें में बताते हुए कहा कि इस डिवाइस को उन्होंने 20 से 25 दिन में बनाया है। यह अभी छोटे लेवल पर है लेकिन आगे चलकर इसमें लगे एंटी स्लिप ग्लास को वायरलेस भी करेंगे। उन्होंने बताया कि इसे बनाने में बेसिक कंपोनेंट यूज किए गए हैं। ईयर सेंसर में रिले माडयूल स्विच का इस्तेमाल किया गया है, जो इलेक्ट्रिक से चलता है. टाइमर आईसी, रेगुलर पावर सप्लाई का यूज भी हुआ है। इस डिवाइस को बनाने में सिर्फ 800 रुपए का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि अभी और भी रिसर्च चल रही है। फाइनल तौर पर काम पूरा होने के बाद कंपनी से बातचीत की जाएगी। उन्होने बताया कि उनकी कोशिश है इस डिवाइस को छोटे से छोटे रूप में बदलना और वायरलेस बनाना।
एक हादसे से आया था आइडिया
अभिज्ञान पुरोहित ने बताया कि वे होशंगाबाद के शोभपुर के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले ही उनके यहां सुबह ही एक ड्राइवर को झपकी आ गई थी, जिससे एक्सीडेंट हो गया था। तभी उनके मन में इसका ख्याल आया। उन्होंने अपने फ्रेंड्स से बात की और आज प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो गया है।
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