जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का ऑटो सेक्टर पर क्या होगा असर, क्या सस्ती हो जाएंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी में जो कंपोनेंट्स ज्यादा यूज होते हैं, उनमें लिथियम प्रमुख है। अभी तक भारत दूसरे देशों से लिथियम आयात करता है। जिस वजह से यह महंगा है। अब देश में ही इसका भंडार मिला है तो ऑटो सेक्टर पर इसका असर देखने को मिल सकता है।

 

Satyam Bhardwaj | Published : Feb 11, 2023 9:28 AM IST

ऑटो डेस्क : जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार (Lithium in Jammu Kashmir) मिला है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है। इस खबर के बाद से ही इसके फायदे और देश में क्रांति की बात की जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में भी इस लिथियम भंडार का बड़ा असर होगा? आइए जानते हैं लिथियम क्या होता है और इसका ऑटो सेक्टर में कहां यूज होता है? J&K में मिले इतनी बड़ी मात्रा में लिथियम का ऑटो इंडस्ट्री में क्या असर होगा?

लिथियम क्या होता है

लिथियम एक अलौह धातु (Non-ferrous metal) है। वर्तमान में हमारा देश लिथियम (lithium), निकल (nickel) और कोबाल्ट (cobalt) जैसे कई खनिजों के लिए दूसरे देश पर निर्भर है। अब जब देश में ही लिथियम का इतना बड़ा भंडार मिला है तो भारत को इसके लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। जहां-जहां यह इस्तेमाल होता है, वे चीजें सस्ती हो सकती हैं।

ऑटो सेक्टर पर क्या होगा असर

लिथियम के भंडार का ऑटो सेक्टर पर भी काफी असर पड़ेगा। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) की रफ्तार काफी बढ़ जाएगी। दरअसल, बैटरी में जो भी कंपोनेंट्स यूज होते हैं, उनमें लिथियम काफी खास है। इलेक्ट्रिक वाहनों में यूज होने वाली बैटरी में यह प्रमुख कंपोनेंट के तौर पर इस्तेमाल होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, सिर्फ बैटरी ही नहीं बल्कि मोबाइल फोन, सोलर पैनल में लिथियम का इस्तेमाल होता है। इससे ऑटो के साथ टेक सेक्टर में भी काफी बदलाव हो सकता है।

क्या सस्ती होंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां

इस वक्त देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को सरकार भी प्रमोट कर रही है। पेट्रोल-डीजल पर बढ़ी निर्भरता के बाद सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर इस निर्भरता को कम करना चाहती है। सरकार का यह भी मानना है कि जब सड़कों पर पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां कम होंगी तो पॉल्युशन भी आसानी से कम हो सकता है। बता दें कि 1 फरवरी को बजट पेश करने के दौरान फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों में यूज होने वाली लिथियम ऑयन बैटरियों पर कस्टम ड्यूटी क कम कर 13% का प्रस्ताव रखा है। उसके बाद से ही उम्मीद थी कि लिथियम पर सीमा शुल्क घटना के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियां सस्ती हो सकती हैं।

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